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शरद पूर्णिमा पर बनाएं खीर: बन जाएंगे निरोगी और धनवान


आज शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने वाले हैं, तो बतादें कि शरद पूर्णिमा मुहूर्त अश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ आज यानी की बुधवार, रात 8:40 बजे से शुरू हो रहा हैं


शरद पूर्णिमा: हमारे देश में शरद पूर्णिमा के त्योहार की बड़ी ही अहमियत हैं, हिन्दू कैलेंडर के अनुसार शरद पूर्णिमा का त्योहार आश्विन मास की पूर्णिमा को भारत के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार को उत्तर भारत में सबसे ज्यादा मनाया जाता हैं। इसे 
"कददुकी" भी कहा जाता है और यह त्यौहार को शरद ऋतु के दौरान आता है।

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शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

शरद पूर्णिमा का पर्व आज 16 अक्टूबर बुधवार को मनाया जाता है, आज रात में चंद्रमा की रोशनी में खीर रखते हैं। शरद पूर्णिमा अश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि को मनाते है इस दिन अश्विन पूर्णिमा व्रत भी रखा जाता है, साथ ही चंद्रमा की पूजा की जाती हैं। पूर्णिमा का संबंध चंद्रमा से है क्योंकि इस रात चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर रात में पूरे संसार को प्रकाशित करता है। वहीं कुछ लोग इस रात में माता लक्ष्मी की पूजा भी होती है। जो लोग आज शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने वाले हैं, तो बतादें कि शरद पूर्णिमा मुहूर्त अश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ आज यानी की बुधवार, रात 8:40 बजे से शुरू हो रहा हैं अश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि का समापन कल शाम यानी की गुरुवार शाम 4:55 बजे तक हैं।

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जानें शरद पूर्णिमा का महत्व

शरद पूर्णिमा को लेकर माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की चमक विशेष होती, और भक्त चंद्रमा की पूजा करते हैं। इसके साथ ही भक्त खीर बनाकर चंद्रमा के नीचे रखने की परंपरा को मानते है, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है और फिर अगले दिन इस खीर के प्रसाद खाते हैं। यह चंद्रमा की रोशनी में खीर का भोग स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। वहीं कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और रात्रि में चंद्रमा की रोशनी में रहकर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

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खीर की परम्परा

शरद पूर्णिमा को लेकर यह भी माना जाता हैं इस दिन सूर्य और चंद्रमा का संतुलन रहता हैं, इस दिन का महत्व यह भी है कि यह सूर्य और चंद्रमा के ऊर्जा संतुलन का प्रतीक है, जो स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए जरूरी है। इस लिए इस दिन खासतौर पर खीर बनाई जाती है और फिर चंद्रमा की किरणों में रखा जाता है। क्योंकि कहा जाता है कि रातभर चंद्रमा की रोशनी में रखने से खीर में विशेष गुण आ जाते हैं। वहीं कई लोग तो इस दिन रात्रि जागरण और भक्ति गीत गाते हैं।

शरद पूर्णिमा का संबंध कृषि लोगों के साथ ही होता है क्योंकि इस दिन के बाद से फसल कटाई का मौसम शुरू हो जाता है, जिसके बाद नई फसल की बुवाई होती हैं।

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शरद पूर्णिमा की खीर खाने के फायदे

1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की खीर में चंद्रमा की किरणों से अमृत की बूंदें गिरती हैं, इससे वह खीर औषधीय गुणों वाली हो जाता है इसे खाने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ होता है।

2. शरद पूर्णिमा पर जो खीर बनाते हैं, उसका सीधा संबंध चंद्रमा से होता है। खीर में चावल, चीनी और दूध होता है, ये तीनों ही चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं हैं। खीर खाने से कुंडली में चंद्रमा का दोष दूर होता है, मन और मस्तिष्क स्थिर रहता है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।

3. शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और उनको खीर का भोग लगाते हैं। इससे धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आशीर्वाद स्वरूप धन, दौलत, सुख, समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती हैं।

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