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यूपी में 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद पर चला योगी सरकार का बुलडोजर


नपद फतेहपुर क्षेत्र के बहराइच-बांदा मार्ग (SH-13) पर मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर निर्माण विभाग द्वारा मार्ग के किनारे अवैध निर्माण को हटाया गया हैं।


Noori jama Masjid: यूपी के फतेहपुर में स्थित नूरी जामा मस्जिद का अतिक्रमण बुलडोजर से हटवाया गया है। बताते चले कि प्रशासन के अनुसार 17 अगस्त को ही नोटिस दी गई थी। जानकारी के अनुसार जनपद फतेहपुर क्षेत्र के बहराइच-बांदा मार्ग (SH-13) पर मार्ग के चौड़ीकरण को लेकर निर्माण विभाग द्वारा मार्ग के किनारे अवैध निर्माण को हटाया गया हैं।

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180 साल पुरानी नूरी मस्जिद पर नोटिस

बताते चले कि फतेहपुर की 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद पर बड़ी कार्रवाई की गई है, मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराया गया है। मस्जिद कमेटी नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट गई थी, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। बतादें कि ललौली कस्बे में स्थित नूरी मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा मार्ग पर अवैध निर्माण के संबंध में लोक निर्माण विभाग द्वारा दिनांक 17 अगस्त को नोटिस दी गई थी और 24 सितम्बर को ललौली कस्बे स्थित अवैध निर्माण को अभियान चलाकर लोक निर्माण विभाग द्वारा हटाया गया था। उसी समय मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा समय लिया गया था कि वो स्वयं इस अवैध निर्माण को ढहा देंगे, इसी क्रम में आज ललौली कस्बे में नूरी मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा किए गए अवैध निर्माण को जिला प्रशासन और लोक निर्माण की संयुक्त टीम द्वारा सौहार्दपूर्ण तरीके से हटा दिया गया है मौके पर कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था बरकरार है।

दरअसल, एक महीने पहले ही PWD ने मस्जिद प्रबंधन को अवैध कब्जा गिराने का नोटिस दिया था। मस्जिद कमेटी अवैध ढांचा गिराने के खिलाफ नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट गई थी, लेकिन PWD को नोटिस पर कोई स्टे नहीं मिला और मंगलवार को ये कार्रवाई की गई। ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस के साथ आरएएफ और अर्धसैनिक बल तैनात था। मौके पर कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था बरकरार है।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात की तीखी प्रतिक्रिया

वहीं फतेहपुर की नूरी मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा - मस्जिद का ध्वस्तीकरण करना इंसाफ के खिलाफ है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि जब सुप्रीम कोर्ट ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा चुका है तो फिर यह मस्जिद के ऊपर बुलडोजर कार्रवाई क्यों की जा रही है।

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बुलडोजर कार्रवाई की उन्होंने अन्याय का हिस्सा बताते हुए कहा- यह मुसलमान के ऊपर जुल्म है, जिस पर रोक लगना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने हमें धार्मिकता की आजादी दी है और यह उसका आनंद है। उन्होंने कहा की मस्जिद के दोस्ती कारण को लेकर देश और प्रदेश का माहौल बिगाड़ सकता है इसलिए इस कार्रवाई पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।

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बुलडोजर एक्शन पर अधिकारी मौजूद

बताते चले कि जब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई तो पुलिस फोर्स चप्पे चप्पे में मुस्तैद थी, PWD ने  24 सितंबर को मस्जिद गिराने का नोटिस दिया था। नोटिस दिए जाने के बाद भी अतिक्रमण वाला हिस्सा नहीं गिराया गया था। बुलडोजर एक्शन के वक्त SDM सहित PWD के अधिकारी मौजूद थे।

बता दें इस कार्रवाई से संबंधित एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई है, जिस पर 6 दिसंबर को सुनवाई होनी थी लेकिन नहीं हुई। अब इस मामले में 13 दिसंबर को सुनवाई होगी। मस्जिद कमेटी का कहना है कि एक हिस्सा गिराए जाने से मस्जिद को बड़ा नुकसान होगा। यह भी दावा किया गया है कि इमारत 100 साल से ज्यादा पुरानी है यह आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की धरोहर में शामिल है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती

पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिले के ललौली थाना क्षेत्र के कस्बा स्थित नूरी जामा मस्जिद करीब 180 साल पुरानी है। ये मस्जिद कस्बे से गुजरी बांदा-बहराइच हाईवे पर है, इस  सड़क चौड़ीकरण का निर्माण कार्य होना है। मस्जिद का कुछ भाग अतिक्रमण के दायरे में आ रहा है। सड़क चौड़ीकरण को लेकर शासन ने इमारत को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। नूरी जामा मस्जिद के इंतजामिया कमेटी की तरफ से एडवोकेट सैयद अजीम उद्दीन ने धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र का हवाला देते हुए ध्वस्तीकरण के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मस्जिद कमेटी का तर्क है कि इस ऐतिहासिक संरचना को नष्ट करना अनुचित है और यह सांस्कृतिक विरासत को हानि पहुंचाने वाला कदम होगा। 

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