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यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द, नई मेरिट लिस्ट का हाईकोर्ट ने दिया आदेश


इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द कर दिया।


UP Teacher Bharti: यूपी की 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद कोर्ट से यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा है क्योंकि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द कर दिया। इतना ही नहीं कोर्ट ने तीन महीने के अंदर ही नई मेरिट लिस्ट को जारी करने का भी आदेश जारी किया हैं।

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कोर्ट के फैसले से लगा झटका

बताते चले कि यूपी के परिषदीय विद्यालयों के 69000 शिक्षक भर्ती परीक्षा में आरक्षण विसंगति पाए जाने पर हाईकोर्ट ने 13 मार्च 2023 को 6800 अभ्यर्थियों की सूची रद्द करते हुए पूरी लिस्ट को फिर से देखने का आदेश राज्य सरकार को दिया था। इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 2019 में हुई 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों की नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया हैं। वहीं कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा हैं। वहीं पिछली सूची के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की सेवा पर भी संकट खड़ा हो गया है। बता दें कि, अभ्यर्थियों ने पूरी भर्ती पर सवाल उठाते हुए 19 हजार पदों पर आरक्षण घोटाला का आरोप लगाया था।

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HC ने योगी सरकार को क्या दिया आदेश?

हाई कोर्ट ने यूपी की योगी सरकार को आदेश दिया कि नई मेरिट लिस्ट में आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन हो। साथ ही सरकार को अगले तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करनी है। अब सवाल उठता है कि क्या नई मेरिट लिस्ट जारी होने से पिछले चार सालों से नौकरी कर रहे टीचरों की नौकरी चली जाएगी।

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बतादें कि न्यायमूर्ति ए आर मसूदी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने आरक्षण कोटे का सही से अनुपालन न किए जाने के मामले में पिछले साल 13 मार्च को दिए गए एकल पीठ के फैसले को चुनौती देने वाली अशोक यादव व अन्य अभ्यर्थियों की 90 विशेष अपीलो पर यह फैसला दिया है। कोर्ट ने बीते मार्च में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया था। बताते चले कि कोर्ट ने बीते मंगलवार को यह फैसला सुनाया था वहीं हाईकोर्ट का यह फैसला बेबसाइट पर शुक्रवार को अपलोड हुआ।

अनुप्रिया पटेल ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

वहीं अपना दल की अध्यक्ष व मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी, 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि, इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई। अब जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया है, तब उम्मीद करती हूं कि वंचित वर्ग के प्रति न्याय होगा।

अखिलेश यादव ने हाईकोर्ट के फैसले को जीत बताया

वहीं कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद सपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 69,000 शिक्षक भर्ती को लेकर आए फैसले को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- हाईकोर्ट के फैसले को अभ्यर्थियों की जीत बताया है, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकायत साबित हुई है। हमारी मांग है कि नए सिरे से न्याय पूर्ण तरीके से नई सूची बने जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां संभव हो सके।

सुभासपा ने कोर्ट के आदेश को किया स्वीकार

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता अरुण राजभर ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा- यह बात खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी माना था कि, इस 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण नियमों का पालन नहीं हुआ है। अब जबकि हाई कोर्ट ने आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया है, अब उम्मीद है कि पिछड़े दलित वंचित वर्ग को न्याय मिलेगा।

जानें क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि जब यूपी के शिक्षा विभाग ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट जारी की थी तब ही कैंडिडेट्स ने इस पर सवाल उठाते हुए आरक्षण में गड़बड़ी के आरोप लगाए। 4.10 लाख छात्र-छात्राओं ने शिक्षक भर्ती के लिए एग्जाम दिया था, जिसमें 1.40 लाख अभ्यर्थी पास हुए थे। इस दौरान जिन स्टूडेंट्स का सलेक्शन तय माना जा रहा, उनके नाम मेरिट लिस्ट में नहीं थे। आरक्षण में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

बताते चले कि अभ्यर्थियों ने सभी 69 हजार सहायक शिक्षकों की नियुक्ति का डेटा खंगालना शुरू कर दिया। चार महीने की जद्दोजहद के बाद अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि 19 हजार पदों पर आरक्षण घोटाला हुआ है। उनका आरोप था कि, ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी की जगह सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला, जबकि अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग को 21 फीसदी की जगह 16.2 फीसदी आरक्षण मिला। 

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