यूपी में जंगली जानवरों और कीटों का हमला माना जाएगा राज्य आपदा
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में अब जंगली जानवरों और कीटों के हमले को भी राज्य आपदा माना जाएगा, यूपी सरकार ने राज्य आपदा का दायरा और व्यापक करते हुए अब जंगली जानवरों और मधुमक्खियों के हमले को भी राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल करने का निर्णय लिया है। जिसके बाद सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमलों में जान जाने या घायल होने की स्थिति में अब सरकार मुआवजा देगी।
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प्रस्ताव को प्रदेश में मिली मंजूरी
आपको बताते चले कि उत्तर प्रदेश में सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमलों में जान जाने या घायल होने की स्थिति में अब सरकार की मुआवजा नीति के दायरे में आएगी। इस प्रस्ताव को राज्य कार्यकारिणी समिति ने मंजूरी दे दी है, साथ ही जल्द ही इसकी अधिसूचना भी जारी की जाएगी। जानकारी के लिए बतादें कि इससे पहले तक केवल कुछ सीमित प्राकृतिक और अप्राकृतिक घटनाओं को ही इस श्रेणी में माना जाता था।
फिलहाल, राज्य आपदा सूची में बेमौसम बारिश, आकाशीय बिजली, सर्पदंश, नीलगाय और सांड के हमले जैसी घटनाएं भी शामिल हैं, जिनमें अब इन नए हमलों को भी जोड़ा जाएगा।

जानें कितना मिलेगा मुआवजा, हेल्पलाइन नं.
जानकारी के लिए बतादें कि राज्य आपदा के इन हमलों में मौत होने पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। इसके साथ ही घायल व्यक्ति का इलाज सरकारी अस्पतालों में निशुल्क किया जाएगा, लेकिन इसके लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट कारण होना अनिवार्य होगा।
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वहीं मुआवजा पाने के लिए पीड़ित परिवार 1070 हेल्पलाइन पर या जिले के डीएम/एडीएम को सूचना देकर आवेदन कर सकते हैं। तहसील स्तर की रिपोर्ट के बाद 24 से 72 घंटे के भीतर मुआवजा जारी करने का प्रावधान रखा गया है। राज्य सरकार का यह कदम उन ग्रामीण इलाकों के लिए राहत साबित हो सकता है जहां ऐसे हमलों की घटनाएं अकसर सामने आती हैं। वहीं सूचना प्राप्त होने के पश्चात तहसील स्तर से रिपोर्ट बनाकर 24 से 72 घंटे के भीतर मुआवजे की राशि स्वीकृत कर दी जाएगी।

एसडीआरएफ ने दी स्वीकृति
इस निर्णय को राज्य आपदा मोचक निधि (एसडीआरएफ) की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने की। राहत आयुक्त कार्यालय ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा था जिसे मंजूरी मिल गई है। अब जल्द ही इस आशय की अधिसूचना जारी की जाएगी। इसके बाद इन घटनाओं को आधिकारिक रूप से राज्य आपदा की श्रेणी में माना जाएगा।
राज्य आपदा की श्रेणी
- बिजली गिरना
- आंधी-तूफान
- लू
- नाव दुर्घटना
- सर्पदंश
- गैस रिसाव
- बोरवेल में गिरना
- डूबकर मौत
- सांड़ और नीलगाय के हमले जैसे हादसे
- अब घटनाओं की सूची में सियार, लोमड़ी, मधुमक्खियों के हमले भी जुड़ने जा रहे हैं।