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आयुष्मान भारत योजना के सात वर्ष: स्वास्थ्य सेवा में क्रांति की ओर भारत का ऐतिहासिक कदम

7 Years of Ayushman Bharat: भारत एक विशाल जनसंख्या वाला देश है, जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं तक सभी की समान पहुँच सुनिश्चित करना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण इलाज का अभाव लंबे समय तक सामाजिक असमानता और आर्थिक संकट का कारण रहा। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2018 में शुरू की गई आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (PM-JAY) ने इस कमी को पूरा करने का संकल्प लिया।

आयुष्मान भारत योजना के सात वर्ष: स्वास्थ्य सेवा में क्रांति की ओर भारत का ऐतिहासिक कदम

आज यह योजना अपने सात वर्ष पूरे कर चुकी है और इसे न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सबसे बड़े सार्वभौमिक स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम के रूप में देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में क्रांति करार दिया है।

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आयुष्मान भारत योजना: शुरुआत और उद्देश्य

  • 2018 में जब इस योजना की घोषणा हुई, तब सरकार के सामने मुख्य लक्ष्य थे:
  • गरीब और कमजोर तबकों तक मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण इलाज पहुँचाना।
  • परिवारों को गंभीर बीमारियों के इलाज में होने वाले खर्च से आर्थिक सुरक्षा देना।
  • स्वास्थ्य सेवाओं की समान पहुँच सुनिश्चित करना, चाहे व्यक्ति शहर में रहता हो या गाँव में।
  • इस योजना के अंतर्गत प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवरेज उपलब्ध कराया गया। यह कवरेज अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में लागू होता है।
आयुष्मान भारत योजना के सात वर्ष: स्वास्थ्य सेवा में क्रांति की ओर भारत का ऐतिहासिक कदम

योजना का विस्तार और नई उपलब्धियाँ

पिछले सात वर्षों में आयुष्मान भारत योजना ने कई अहम पड़ाव पार किए।

55 करोड़ से अधिक नागरिक इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।

पिछले वर्ष इसे और व्यापक बनाया गया और 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को, चाहे उनकी आय कुछ भी हो, योजना में शामिल कर लिया गया।

लगभग 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिक आज इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं।

करीब 4.5 करोड़ परिवार योजना के दायरे में आ चुके हैं।

देशभर में हजारों एम्पैनल्ड अस्पतालों को इससे जोड़ा गया है, ताकि लाभार्थियों को नजदीकी स्तर पर सेवा मिल सके।

प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि आयुष्मान भारत केवल एक बीमा योजना नहीं, बल्कि मानव सशक्तिकरण का साधन है। उनका विश्वास है कि इस योजना ने गरीब परिवारों को न केवल स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया है, बल्कि उन्हें गरिमा और सम्मान के साथ जीने का अवसर भी प्रदान किया है। पीएम मोदी का कहना है- “भारत ने दिखाया है कि पैमाना, करुणा और तकनीक मिलकर कैसे जनता को सशक्त बना सकते हैं।”

योजना के लाभार्थियों पर प्रभाव

आर्थिक सुरक्षा: भारत में पहले एक बड़ी बीमारी आने पर पूरा परिवार कर्ज़ के बोझ तले दब जाता था। लेकिन आयुष्मान भारत ने इस स्थिति को बदल दिया है। अब गरीब परिवारों को अस्पताल में इलाज के लिए अपनी जमीन बेचने या कर्ज़ लेने की ज़रूरत नहीं।

स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच: गाँव और कस्बों के लोग अब बड़े शहरों के नामी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज करा सकते हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की असमानता काफी हद तक कम हुई है।

सम्मान और आत्मविश्वास: गरीब व्यक्ति भी अब बड़े अस्पतालों में जाकर आत्मविश्वास के साथ इलाज करवा सकता है। यह केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक सम्मान को भी बढ़ाता है।

आयुष्मान भारत योजना के सात वर्ष: स्वास्थ्य सेवा में क्रांति की ओर भारत का ऐतिहासिक कदम

    लाभार्थियों की कुछ उदाहरणात्मक कहानियाँ

    उत्तर प्रदेश का केस: कानपुर की रहने वाली 62 वर्षीय महिला सरोज देवी को हार्ट की गंभीर बीमारी थी। पहले इलाज संभव नहीं था, लेकिन आयुष्मान कार्ड से उन्हें दिल्ली के बड़े अस्पताल में मुफ्त इलाज मिला और आज वे स्वस्थ जीवन जी रही हैं।

    झारखंड का उदाहरण: धनबाद के एक मज़दूर के बेटे को लिवर की बीमारी थी। परिवार के पास इलाज के पैसे नहीं थे। आयुष्मान योजना से हुए इलाज ने बच्चे को जीवनदान दिया।

    राजस्थान का अनुभव: जयपुर की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला को कैंसर था। योजना के विस्तार में वरिष्ठ नागरिकों के शामिल होने के बाद उन्हें मुफ्त इलाज मिला और परिवार आर्थिक संकट से बच गया।

    आयुष्मान भारत योजना के सात वर्ष: स्वास्थ्य सेवा में क्रांति की ओर भारत का ऐतिहासिक कदम

    योजना की चुनौतियाँ

    • हालाँकि आयुष्मान भारत योजना ने बड़ी सफलता हासिल की है, लेकिन इसके सामने कुछ चुनौतियाँ भी हैं:
    • जागरूकता की कमी: कई गरीब परिवार अब भी इस योजना की जानकारी से वंचित हैं।
    • अस्पतालों की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अस्पताल और स्पेशलिस्ट डॉक्टर न होने के कारण योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।
    • तकनीकी दिक्कतें: कई बार लाभार्थियों को कार्ड वेरिफिकेशन और कागजी प्रक्रिया में कठिनाइयाँ होती हैं।

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    भविष्य की संभावनाएँ और सरकार की कोशिशें

    मोदी सरकार इस योजना को और सरल व सुलभ बनाने की दिशा में काम कर रही है। आने वाले समय में:

    योजना का डिजिटल विस्तार होगा, ताकि कार्ड और वेरिफिकेशन प्रक्रिया मोबाइल पर ही आसान हो सके।

    अस्पतालों की संख्या और विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी।

    योजना का कवरेज और भी अधिक बीमारियों को शामिल कर सकता है।

    ग्रामीण स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर हर गरीब परिवार तक यह सुविधा पहुँचाने का लक्ष्य रखा जाएगा।

    वैश्विक स्तर पर आयुष्मान भारत की पहचान

    संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक जैसी संस्थाओं ने भी इस योजना को विश्व का सबसे बड़ा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कार्यक्रम मानते हुए सराहा है। कई विकासशील देश भारत के इस मॉडल से सीखने की कोशिश कर रहे हैं।

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    क्या है आयुष्मान भारत योजना

    बता दें कि आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो 50 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। इसमें प्रति परिवार 5 लाख रुपए तक का वार्षिक कवरेज शामिल है, जो अस्पताल में भर्ती होने पर लागू होता है। इसका लक्ष्य स्वास्थ्य देखभाल को सस्ता और सुलभ बनाना है।

    निष्कर्ष

    आयुष्मान भारत योजना ने सात वर्षों में साबित किया है कि जब सरकार दूरदर्शी सोच और संवेदनशीलता के साथ काम करती है तो गरीब और कमजोर तबके का जीवन बदल सकता है। यह केवल एक स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं, बल्कि गरीबों के लिए जीवन रक्षक कवच है।

    आज जब भारत इस योजना की सातवीं वर्षगांठ मना रहा है, तब यह कहना गलत नहीं होगा कि आयुष्मान भारत ने देश को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नई दिशा दी है और यह “न्यू इंडिया” की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।

    https://navbharattimes.indiatimes.com/india/ayushman-bharat-yojana-completes-7-years-pm-modi-lauds-healthcare-revolution-over-55-crore-citizens-benefit/articleshow/124066723.cms

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