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भारत-पाक वार: 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित, नागरिकों के लिए जरूरी दिशानिर्देश

Mock drill Alert: भारत सरकार 7 मई को देशभर के 244 जिलों में एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित करेगी। यह 1971 के बाद पहली बड़ी मॉक ड्रिल है, ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट और सायरन बजेंगे, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का संकेत मिलेगा। बताते चले भारत-पाकिस्तान के बीच कोल्ड वॉर के चलते गृह मंत्रालय ने 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं, जिसमें युद्ध सायरन बजेंगे और सुरक्षा तकनीक सिखाई जाएगी।

भारत-पाक वार: 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित, नागरिकों के लिए जरूरी दिशानिर्देश

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7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित

आपको बतादें कि भारत सरकार 7 मई को देशभर के 244 जिलों में एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित करेगी। यह 1971 के बाद पहली बड़ी मॉक ड्रिल है, ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट और सायरन बजेंगे, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का संकेत मिलेगा। बताते चले भारत-पाकिस्तान के बीच कोल्ड वॉर के चलते गृह मंत्रालय ने 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं, जिसमें युद्ध सायरन बजेंगे और सुरक्षा तकनीक सिखाई जाएगी।

पांच बातों पर दे ध्यान

  • हवाई हमले के वक्त चेतावनी देने वाले सायरन बजना।
  • बचाव के लिए नागरिकों/छात्रों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग।
  • ब्लैकआउट यानी बिजली बंद करें, जिससे दुश्मन टारगेट न देख सके।
  • हमले के वक्त प्लांट/प्रतिष्ठानों में छिपाने के उपाय करना।
  • लोगों के लिए निकासी योजना बनाना, उसका अभ्यास करना।

नागरिकों के लिए जरूरी दिशानिर्देश-

मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बज सकते हैं। यह समझना आवश्यक है कि यह एक अभ्यास है, इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सायरन की आवाज सुनकर शांत रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

सायरन बजने पर तुरंत खुले इलाकों से हट जाएं और किसी सुरक्षित इमारत, घर, या बंकर में शरण लें। यदि आप बाहर हैं, तो नजदीकी इमारत में प्रवेश करें और सायरन बजने के 5-10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का अभ्यास करें। यदि आपके क्षेत्र में बंकर उपलब्ध हैं, तो वहां जाएं।

मॉक ड्रिल के दौरान ‘क्रैश ब्लैकआउट’ का अभ्यास होगा, जिसमें सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी, ताकि दुश्मन के लिए निशाना लगाना मुश्किल हो। अपने घर की खिड़कियों, रोशनदानों और दरवाजों को काले कपड़े या अन्य सामग्री से ढकें, ताकि कोई रोशनी बाहर न जाए। सड़क पर वाहन चलाते समय लाइटें बंद करें और वाहन को रोक दें, जैसा कि प्रशासन द्वारा निर्देशित हो।

मॉक ड्रिल में नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें हमले की स्थिति में खुद को बचाने के तरीके सिखाए जाएंगे। प्रशिक्षण में भाग लें और आपात स्थिति में क्या करना है, इसकी जानकारी प्राप्त करें। इसमें बंकरों में छिपने, प्राथमिक चिकित्सा और निकासी योजनाओं का अभ्यास शामिल होगा।

मॉक ड्रिल में निकासी योजनाओं का अभ्यास होगा, जिसमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और निकासी के दौरान शांत रहें। अपने परिवार के साथ निकासी योजना के बारे में पहले से चर्चा करें और अपने नजदीकी निकासी मार्ग और सुरक्षित स्थान की जानकारी रखें।

टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान दें। मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन की ओर से महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रसारित की जाएंगी। अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें।

मॉक ड्रिल के दौरान आपातकालीन किट की उपयोगिता समझाई जा सकती है। इसमें पानी, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, बैटरी, महत्वपूर्ण दस्तावेजों की कॉपी, अतिरिक्त कपड़े और कंबल शामिल होने चाहिए। सुनिश्चित करें कि यह किट आसानी से उपलब्ध हो।

स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स और पुलिस के साथ सहयोग करें। यदि आप सिविल डिफेंस या होम गार्ड के साथ जुड़े हैं, तो अपनी जिम्मेदारियों को समझें और दूसरों की मदद करें। पड़ोसियों और समुदाय के साथ मिलकर काम करें, ताकि सभी लोग सुरक्षित रहें।

बच्चों को ड्रिल के बारे में पहले से समझाएं ताकि वे घबराएं नहीं। उन्हें सायरन और ब्लैकआउट की प्रक्रिया के बारे में बताएं। बुजुर्गों और विशेष जरूरतों वाले लोगों की सहायता करें ताकि वे सुरक्षित स्थान तक पहुंच सकें।

सोशल मीडिया या अन्य स्रोतों से आने वाली अपुष्ट खबरों पर विश्वास न करें। केवल सरकारी चैनलों और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

सायरन बजने पर क्या करें?

  • तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं
  • खुले इलाकों से हटकर इमारतों में शरण लें
  • टीवी, रेडियो या सरकारी ऐप्स से अपडेट लेते रहें
  • किसी भी अफवाह से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
भारत-पाक वार: 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित, नागरिकों के लिए जरूरी दिशानिर्देश

मॉक ड्रिल में कौन-कौन होगा शामिल?

  • जिला प्रशासन, पुलिस, होम गार्ड्स, सिविल डिफेंस वार्डन
  • स्कूल-कॉलेज के छात्र, NCC, NSS और NYKS के सदस्य
  • स्थानीय लोग और स्वयंसेवक संगठन

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कहां लगाए जाएंगे सायरन?

सायरन सिस्टम प्रशासनिक कार्यालयों, फायर स्टेशनों, पुलिस मुख्यालय, बाजारों, भीड़भाड़ वाली जगहों और सैन्य ठिकानों पर स्थापित किए जाएंगे. ये सायरन 2 से 5 किलोमीटर की दूरी तक 120-140 डेसिबल की तीव्रता से सुने जा सकेंगे।

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