CCPA की मीटिंग में बड़े फैसले, जाति जनगणना, गन्ना किसानों को मिली मंजूरी
Cabinet Decisions of Modi Govt: दिल्ली में मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए। इस बैठक के
दौरान शिलॉन्ग से सिल्वर कॉरिडोर को मंजूरी मिली, गन्ना किसानों के लिए फैसला हुआ, जाति जनगणना कराने का फैसला लिया गया हैं।
Press Release- https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2125467
केंद्रीय मंत्रिमंडल के अहम फैसले
Cabinet approves Fair and Remunerative Price of sugarcane payable by Sugar Mills to sugarcane farmers for sugar season 2025-26
— PIB India (@PIB_India) April 30, 2025
Fair and Remunerative Price of Rs. 355/quintal approved for Sugarcane Farmers
Decision will benefit 5 crore sugarcane farmers and their dependents,… pic.twitter.com/01PNLzgdlY
आपको बतादें कि मोदी कैबिनेट ने बुधवार को हुई CCPA की बैठक में ये बड़ा फैसला लिया है। वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल के अहम फैसले को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- सामाजिक ताने-बाने को ध्यान में रखकर संविधान में स्पष्ट व्यवस्था के मद्देनजर जाति जनगणना करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही मीटिंग में गन्ना किसानों का FRP बढ़ाने का फैसला लिया गया और शिलॉन्ग से सिल्वर कॉरिडोर को भी मंजूरी दी गई है।
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Cabinet approves development of 4-lane Greenfield Access Controlled 166.80 km (NH-6) from Mawlyngkhung (near Shillong) in Meghalaya to Panchgram (near Silchar) in Assam on Hybrid Annuity Mode (HAM) at a total cost of ₹22,864 crore
— PIB India (@PIB_India) April 30, 2025
The development of this corridor will improve… pic.twitter.com/8zjysLFcQa
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाति जनगणना को मंजूरी देकर एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है, इस फैसले ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के हाथों से उनका सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा छीन लिया, क्योंकि लंबे समय से राहुल गांधी और विपक्ष जातिगत जनगणना की मांग को लेकर बीजेपी पर हमलावर थे, ऐसे में अब एनडीए सरकार के इस कदम से सियासी समीकरण तेजी से बदल सकते हैं। इसके साथ ही जातीय जनगणना का असर बिहार चुनाव पर भी पड़ेगा।
Under the leadership of Prime Minister @narendramodi, the #Cabinet Committee on Political Affairs has decided today that Caste enumeration should be included in the forthcoming census. This demonstrates that the government is committed to the values and interests of the society… pic.twitter.com/kghauMqR1h
— PIB India (@PIB_India) April 30, 2025
कांग्रेस पर केंद्रीय मंत्री का हमला
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#Cabinet approves FRP of sugarcane for sugar season 2025-26 at Rs.355/qtl for basic recovery rate of 10.25%, providing premium of Rs.3.46/qtl for each 0.1% increase in recovery over 10.25%, & reduction in FRP by Rs.3.46/qtl for every 0.1% decrease in recovery#CabinetBriefing
— Dhirendra Ojha (@DG_PIB) April 30, 2025
वहीं अब मोदी सरकार से जातीय जनगणना की मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा- कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया है, राहुल गांधी ने ‘जाति बताओ’ अभियान के जरिए सामाजिक न्याय की राजनीति को धार देने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा- “1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं की है, कांग्रेस ने जाति जनगणना की जगह जाति सर्वे कराया। UPA सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है।”
Cabinet Briefing by Union Minister @AshwiniVaishnaw @PIB_India https://t.co/LZ0WL9ipiW
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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- सामाजिक ताने-बाने को ध्यान में रखकर संविधान में स्पष्ट व्यवस्था के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है। साल 2010 में डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर मंत्रिमंडल में विचार किया जाना चाहिए। इस अहम मुद्दे पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था, अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की थी।
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Our vision is – Make AI in India.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) April 30, 2025
Our objective is – Make AI work for India. pic.twitter.com/1kX5MXfl16
किसानों को दी बड़ी सौगात
मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को भी बड़ी सौगात दी है। गन्ने का FRP बढ़ाया गया है, कैबिनेट ने चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को चीनी सीजन 2025-26 के लिए देय गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य को मंजूरी दी। गन्ना किसानों के लिए 355 रुपये प्रति क्विंटल का उचित एवं लाभकारी मूल्य स्वीकृत हुआ, इस निर्णय से 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों के साथ-साथ चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा। जिसके नीचे इसे नहीं खरीदा जा सकता है।
Cabinet approves Fair and Remunerative Price of sugarcane payable by Sugar Mills to sugarcane farmers for sugar season 2025-26
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Fair and Remunerative Price of ₹355/quintal approved for Sugarcane Farmers
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गन्ना किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जिन चीनी मिलों की रिकवरी 9.5% से कम है, उनके मामले में कोई कटौती नहीं की जाएगी। ऐसे किसानों को आगामी चीनी सीजन 2025-26 में गन्ने के लिए ₹329.05/क्विंटल मिलेंगे, यह बेंचमार्क मूल्य है। इस फैसले से गन्ना किसानों को 1 लाख 11 हजार 701 करोड़ रुपये मिलेंगे।
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शिलॉन्ग से सिल्वर कॉरिडोर को मंजूरी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि शिलॉन्ग से सिल्वर कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। सरकार ने मेघालय से असम तक नए हाइवे को मंजूरी दी है, जो 166.8 किलोमीटर लंबा 4 लाइन हाइवे होगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- “पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं- सिलचर से शिलांग और शिलांग से सिलचर एक बहुत बड़ी परियोजना हाई स्पीड कॉरिडोर हाईवे जो मेघालय और असम को जोड़ता है उसे मंजूरी मिली है। इसकी अनुमानित लागत 22,864 करोड़ रुपए है।”
Cabinet approves development of Greenfield High-Speed Corridor of 166.80 km (NH-6) from Mawlyngkhung (near Shillong) in Meghalaya to Panchgram (near Silchar) in Assam on Hybrid Annuity Mode (HAM)
— PIB India (@PIB_India) April 30, 2025
🛣️The development of this corridor will improve the connectivity to Tripura,… pic.twitter.com/yhBgjvCB7O
मंत्रिमंडल ने हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) पर मेघालय के मावलिंगखुंग (शिलांग के पास) से असम के पंचग्राम (सिलचर के पास) तक 166.80 किलोमीटर (एनएच-6) के ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर के विकास को मंजूरी दी। इस कॉरिडोर के विकास से त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी क्षेत्र की मुख्य भूमि और गुवाहाटी से कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्रा की दूरी और समय में काफी कमी आएगी। कॉरिडोर की कुल पूंजी लागत ₹22,864 करोड़ है।

जाति जनगणना क्या है और क्यों है जरूरी?
जाति जनगणना को लेकर विपक्ष का कहना है कि जाति जनगणना होगी तो समाज में किस जाति के कितने लोग हैं, उसके बारे में डिटेल में पता चल सकेगा। इससे आरक्षण का लाभ उन्हें दिया जा सकेगा।

अभी कई ऐसी जातियां हैं, जिनको आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है, उन्हें भी फायदा होगा। अब तक सामाजिक आर्थिक जनगणना होती थी, लेकिन पहली बार जाति जनगणना होगा। इससे देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आएगा, खासकर हिन्दी पट्टी क्षेत्रों में बदलाव होगा।