दिल्ली स्कूल फीस एक्ट मंजूर, ऐतिहासिक और साहसी निर्णय- शिक्षा मंत्री
The Delhi School Education: दिल्ली सरकार ने ऐतिहासिक और साहसी निर्णय लिया है जिसके बाद अब कोई भी स्कूल अपनी मनमानी नहीं कर पाएगा। बतादें कि दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिसकी मंज़ूरी कैबिनेट ने दे दी हैं। इस “दिल्ली स्कूल फीस एक्ट” अधिनियम से स्कूलों को अब फीस बढ़ाने से पहले एक समिति गठित करनी होगी।
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अब माता-पिता को अपनी शिकायतों के लिए किसी के दरवाज़े पर जाने या आंसू बहाने की ज़रूरत नहीं होगी। एक अर्जेंट सत्र बुलाकर इस बिल को प्रस्तुत किया जाएगा।
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दिल्ली स्कूल फी एक्ट मंजूर
बताते चले कि दिल्ली की प्राइवेट स्कूलों में फीस की मनमानी बढ़ोत्तरी पर पिछले कुछ समय से लगातार बवाल हो रहा है। जिस पर लगाम लगाने के लिए स्कूल के अभिभावकों ने दिल्ली सरकार से गुहार भी लगाई थी, उन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। जिसके बाद दिल्ली सरकार में कमेटी बनाकर जांच के आदेश भी दिए थे और मनमानी कर रहे स्कूलों के खिलाफ नोटिस भी जारी किए थे।
ऐतिहासिक और साहसी निर्णय!
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दिल्ली के लिए ये एक ऐतिहासिक निर्णय है, पहली बार बच्चों के भविष्य और अभिभावकों की सुविधा हेतु माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती @gupta_rekha जी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में ‘The Delhi School Education (Transparency in Fixation and Regulation… pic.twitter.com/g1MlG9ikOR
जिसके बाद अब दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है और दिल्ली कैबिनेट ने ‘दिल्ली स्कूल फी एक्ट’ को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोत्तरी पर रोक लगेगी।
ऐतिहासिक और साहसी निर्णय!
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बताते चले कि 1973 के एक्ट में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कोई प्रावधान नहीं था, पिछली सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। बच्चों का भविष्य भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। दिल्ली के लिए ये एक ऐतिहासिक निर्णय है, पहली बार बच्चों के भविष्य और अभिभावकों की सुविधा हेतु माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती @gupta_rekha जी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में ‘The Delhi School Education (Transparency in Fixation and Regulation of Fees) Bill 2025’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अब कोई भी स्कूल अपनी मनमानी नहीं कर पाएगा। दिल्ली में अभी तक प्राइवेट स्कूलों की फीस निर्धारण और वृद्धि पर अंकुश को लेकर ऐसा कोई अधिनियम नहीं था।
आज दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लिया है आज ड्राफ्ट बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। जो दिल्ली के सभी स्कूलों पर लागू होगा जो फीस को लेकर पूरी गाइडलाइंस तय करेगा।
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दिल्ली शिक्षा मंत्री का बयान
बता दें कि ‘दिल्ली स्कूल फी एक्ट’ को लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा- “आज हमारी कैबिनेट ने फीस बढ़ाने या न बढ़ाने के बारे में एक वैधानिक निर्णय लिया है और एक विधेयक का मसौदा तैयार किया है, जिसमें सरकार को विनियमित करने, (फीस वृद्धि) रोकने और स्कूलों द्वारा इसका पालन न करने पर कार्रवाई करने की शक्ति दी गई है…उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी (जिन स्कूलों के खिलाफ पहले नोटिस जारी किए गए थे)। इस विधेयक के आधार पर फीस बढ़ाई या घटाई जाएगी…यह 1 अप्रैल से लागू होगा। इसका पूर्व व्यापी प्रभाव होगा और इस वर्ष की फीस भी विनियमित होगी।”
ये स्थिति दिल्ली की रही, दिल्ली में फीस न बढ़े इसके लिए कभी इस प्रकार के कोई प्रावधान इससे पहले की सरकारों ने किये ही नहीं, एकमात्र एक्ट दिल्ली स्कूल एक्ट 1973 में आया था।
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दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने “दिल्ली स्कूल फी एक्ट” को मंजूरी दे दी है इसकी जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी गई है। इस दौरान मंत्री शिक्षा मंत्री ने कहा है कि इस एक्ट को मंजूरी मिलने के बाद अब स्कूल मनमाने तरीकों से फीस में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकेंगे। उन्हें पहले एक कमेटी गठित करनी होगी जिसमें बच्चों के अभिभावक भी शामिल होंगे, अगर सहमति बनती है तो ठीक है नहीं तो आगे की कार्रवाई होगी।
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ऐतिहासिक कदम
1973 के एक्ट में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कोई प्रावधान नहीं था, पिछली सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। बच्चों का भविष्य भाजपा सरकार की प्राथमिकता है।@JPNadda @blsanthosh https://t.co/dDgublIFNP
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दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने दावा किया है कि दिल्ली की पुरानी सरकारों ने कभी इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन बीजेपी सरकार ने इस पर ध्यान दिया और एक्शन भी लिया है। उन्होंने बताया कि 1973 से आज तक स्कूलों की फीस बढ़ने से रोकने का कोई प्रावधान नहीं था, कैबिनेट ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है जो दिल्ली की 1677 प्राइवेट स्कूलों की फीस को बढ़ाने से रोकेगा। इस मामले में दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों के लिए सुकून का विषय है।
जिन अभिभावकों ने बताया है कि हमारे बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है और फीस के लिए अनावश्यक दबाव डाला जा रहा है उनकी जांच के लिए हमने अपने जिला अधिकारियों को स्कूलों में भेजा – मुख्यमंत्री श्रीमती @gupta_rekha pic.twitter.com/Zx3zlIoJtq
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शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा – अभिभावक स्कूलों में हो रही अनैतिक फीस बढ़ोत्तरी से परेशान थे। इस दौरान दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता खुद अभिभावकों के बीच पहुंची और उनकी पूरी बात सुनी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, सूद ने बताया कि कैबिनेट ने इस व्यवस्था को ही बदलने की कोशिश की है जिससे यह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो सके।
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इसलिए कैबिनेट ने दिल्ली स्कूल एजुकेशन बिल 2025 को पास किया है इससे फीस को रेग्यूलेट किया जा सकेगा और पादर्शिता भी आएगी। सूद ने कहा कि पहले की सरकारों ने ऐसा कभी नहीं किया लेकिन बीजेपी सरकार ने इसे महज 65 दिन का समय दिया गया था।
‘’तुमने तो गिरा डाली एक लम्हे में इमारत, अरसे लगेंगे अब हमें, ये मलबा हटाने में।’’
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जो लोग इस बजट से खुश नहीं हैं, उन्होंने पिछले 10 सालों में दिल्ली का कितना भला किया है, ये किसी से छिपा नहीं है। जिनकी राजनीति सिर्फ अवैध कब्जों और घुसपैठियों को बसा- बसा कर चल रही थी, उन्हें साफ़… pic.twitter.com/1rw8vliUvN
दिल्ली को लूटने नहीं देंगे- शिक्षा मंत्री
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा- ‘’तुमने तो गिरा डाली एक लम्हे में इमारत, अरसे लगेंगे अब हमें, ये मलबा हटाने में।’’ जो लोग इस बजट से खुश नहीं हैं, उन्होंने पिछले 10 सालों में दिल्ली का कितना भला किया है, ये किसी से छिपा नहीं है। जिनकी राजनीति सिर्फ अवैध कब्जों और घुसपैठियों को बसा- बसा कर चल रही थी, उन्हें साफ़ सुन लेना चाहिए—दिल्ली को लूटने नहीं देंगे, अवैध घुसपैठियों को बसने नहीं देंगे!