गुरुवार का ज्ञान: गुरु शिक्षा से जानें शिक्षा और विद्या में अंतर
गुरु शिक्षा: गुरु प्रसाद में आज का विषय शिक्षा और विद्या में अंतर क्या होता हैं। तो बतादें कि शिक्षा हमे एकेडमी एजुकेशन देता है जहां से अपने जीविका हेतु उच्च पद प्रतिष्ठा प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। आज का समाज इसी तरह भागता जा रहा है। जिससे पूछो अपने बच्चे को क्या शिक्षा दे रहे हो तो बताता है डाक्टर इंजीनियर आदि-आदि अच्छी बात है बनना भी चाहिए।
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क्वालिटी ऑफ लाइफ क्या है

लेकिन जीवन का उद्देश्य क्या है क्वालिटी ऑफ लाइफ क्या है यह हमें विद्या देती है, माता पिता या परिवार का संबंध क्या है इसका ज्ञान हमें विद्या देती हैं।
इसका अभाव दिखता है जबकि इसकी सबको जरूरत हैं। सबको पद के लोलुप में शिक्षा लेकर फॉरेन या भारत में शासन प्रशासन की नौकरी करने वाले संस्कार विहीन कुछ ऐसे लोग दिखते है जो माता पिता धर्म गुरु या पत्नी बच्चे परिवार की जिम्मेदारी का भान ही नहीं होता।
उनकी जिम्मेदारी क्या है उनको केवल पद प्रतिष्ठा पैसा दिखता उनको अपनी काया शरीर का भी भान नहीं, यह विद्या सिखाती है यह शिक्षा के साथ या शिक्षा के बाद सीखते रहना चाहिए इसकी कोई उम्र नहीं होती किसी भी समय, किसी भी उम्र में सिखा जाता है। बस सीखने की लगन होनी चाहिए जीवन को उत्कृष्ट बनाने में समय साधन लगाना चाहिए किसी मार्गदर्शक गुरु के सानिध्य में रहकर सीखा ज्ञान जीवन को क्वालिटी ऑफ लाइफ में ले जाता है। जहां से मानव से महा मानव बनने का अवसर प्राप्त होता है।
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विद्या कहां से मिलेगी?

विद्या के लिए हमको सबसे पहले महान लोग की जीवन गाथा पढ़नी चाहिए, महान बनने के लिए महान लोग से मित्रता करनी पड़ती, गुरुदेव ने कहा महान लोग हमसे दूर रहते है मिलना कठिन है। ऐसे में तब क्या करें तो महान लोग की लिखी हुई पुस्तकें जिसमें उनका जीवन दर्शन होता है वह जी कर बताते है उसको रिसर्च करें धन सम्मान यश कीर्ति वैभव मिलेगा। धर्म अर्थ काम मूंछ सब मिलेगा जीवन परिवार के साथ सुखमय होगा।