हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी दोषी करार, खतरे में विधायकी
Uttar Pradesh: यूपी के मऊ की सीजेएम कोर्ट (Chief Judicial Magistrate) ने अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराया है। इसके साथ ही कोर्ट ने अंसारी पर 2 हजार रुपये का जुर्माना और दो साल की सजा भी लगाई गई हैं। बताते चले कि अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक हैं। ऐसे में अदालत के इस फैसले के बाद अंसारी का विधायक पद भी छिन सकता है।

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हेट स्पीच मामले कोर्ट ने सुनाई सजा
आपको बतादें कि बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे उत्तर प्रदेश की मऊ सीट से विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में कोर्ट से बड़ा झटका लगा हैं। क्योंकि हेट स्पीच मामले में मऊ की सीजेएम कोर्ट (Chief Judicial Magistrate) ने अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया है। जिसके लिए उनको सजा सुनाया गया है साथ ही जुर्माना भी लगाया गया हैं। वहीं अदालत के फैसला आ जाने के बाद ऐसे में आसार लगाया जा रहा है कि अंसारी की विधायकी या संसदी की सदस्यता भी छिन सकती है, इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष नोटिफिकेशन जारी करेंगे।

बताते चले कि हेट स्पीच मामले में यह फैसला मऊ के जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनाया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एमपी-एमएलए कोर्ट के जज डॉ. केपी सिंह ने यह फैसला सुनाया है। वहीं अब्बास अंसारी को कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया गया था।
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इस बयान पर हो गया एक्शन
दरअसल अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक है। सुभासपा ने तीन मार्च 2022 को पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा के दौरान मऊ प्रशासन को विधानसभा चुनाव में मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में थीं। उस चुनाव में सुभासपा मुखिया ओपी राजभर ने अखिलेश यादव के साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव के दौरान ही अब्बास अंसारी ने एक चुनावी जनसभा में एक विवादित बयान दे दिया था। अब्बास अंसारी ने खुले मंच से अखिलेश यादव का बगैर नाम लिए कहा था कि भैया से बात हो गई है, सबका हिसाब किताब लिया जाएगा। इस विवादित बयान को बीजेपी ने खूब भुनाया था, उनके इस बयान का विधानसभा चुनाव पर भी पड़ा था।
ये 3 मार्च 2022 में चुनाव के समय मुख्तार अंसारी के लड़के विधायक अब्बास अंसारी का वीडियो बयान है जिसमें अब्बास ने कहा था कि
— Tushar Srivastava (@TusharSrilive) May 31, 2025
“समाजवादी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय अखिलेश यादव जी से ये कह कर आया हूं.. कि छह महीने तक किसी की भी ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी भइया.. कोई यहां है, वो यहां… pic.twitter.com/qwQcghHYp2
बतादें कि अंसारी ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद ‘सबका हिसाब लिया जाएगा।’ यह बयान सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने अब्बास अंसारी के प्रचार पर रोक लगाई थी। यूपी पुलिस द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद इस मामले में सुनवाई चल रही थी। अब उन्हें मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है।
हम लोग सेशन कोर्ट जाएंगे: दरोगा सिंह
बताते चले कि अब्बास अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह ने बताया कि हेट स्पीच मामले में आज एक फैसला आया है। 2022 में एक मामला कोतवाली नगर में दायर हुआ था। उस मामले में छह गवाह सामने आए है, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दो साल की सजा सुनाई है। उन्होंने कहा कि इस आदेश के खिलाफ हम लोग सेशन न्यायालय जाएंगे।
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बचाव पक्ष के वकील दारोगा सिंह ने मीडिया को बताया कि इस मामले में अंसारी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 189 (लोक सेवक को क्षति पहुंचाने की धमकी), 153-ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव को बिगाड़ना), 171-एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव डालना) और 506 (आपराधिक धमकी देना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
Mau, Uttar Pradesh: Abbas Ansari, MLA from Mau Sadar, appeared in court in connection with a 2022 hate speech case.
— IANS (@ians_india) May 31, 2025
Advocate Daroga Singh, representing Abbas Ansari, says, "…The trial proceeded and six witnesses were examined. Today, the court has sentenced him to two years in… pic.twitter.com/gKemgAwp2N
सिंह ने बताया कि विशेष एमपी/एमएलए अदालत के न्यायाधीश के.पी. सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शनिवार को अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया और धारा 189 तथा 153-ए के तहत दो-दो साल, धारा 506 के तहत एक साल और धारा 171-एफ के तहत छह महीने की सजा सुनायी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अंसारी पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। फिलहाल, अब्बास अंसारी को अस्थायी जमानत मिल गयी है। सिंह ने बताया कि इस मामले में अब्बास के साथी मंसूर अंसारी को भी सजा सुनाई गई है। उसे साजिश रचने के जुर्म में छह माह की सजा और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा दी गयी है। हालांकि अदालत ने इसी मुकदमे में अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया है।
मऊ सदर सीट पर उपचुनाव
वहीं अब्बास अंसारी की अगर विधायकी जाती है तो 2027 विधानसभा चुनाव से पहले ही मऊ सदर सीट पर उपचुनाव की संभावना बढ़ जाएगी। जो भाजपा के लिए चुनौती पूर्ण हो सकता है, खासकर जब उसके सहयोगी दलों, जैसे अनुप्रिया पटेल की अपना दल और संजय निषाद की निषाद पार्टी अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं। इन दलों के तेवर कड़े होने से बीजेपी को गठबंधन की एकता बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है।