जातीय जनगणना की तय हुई तारीख, इंतजार खत्म दो चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया
जातीय जनगणना: जनगणना और जातिगत गणना को लेकर देश में लंबे समय से लंबित प्रक्रिया अब तय हो गई है। सूत्रों की मानें तो जातीय जनगणना की शुरुआत अगले साल प्रारंभ होगा। यह जनगणना पूरे देश में दो चरणों में संपन्न की जाएगी, जिसमें विभिन्न जातियों की गिनती की जाएगी।

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गृह मंत्रालय से जारी अधिसूचना
Population Census-2027 to be conducted in two phases along with enumeration of castes
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) June 4, 2025
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आपको बताते चले कि जनगणना और जातिगत गणना को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि जातियों की गणना के साथ-साथ जनसंख्या जनगणना-2027 का आयोजन भी किया जाएगा। यह जनगणना 1 मार्च 2027 से शुरू होगी। त्रों के मुताबिक, 16 जून 2025 को जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत अधिसूचना जारी होते ही यह प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी, इसके बाद जनगणना से जुड़ी विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी।
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बतादें कि पहले चरण में स्टाफ की नियुक्ति, प्रशिक्षण, जनगणना फॉर्मेट तैयार करना और फील्ड वर्क की योजना बनाई जाएगी। खास बात यह है कि इस बार जनगणना और जातिगत जनगणना एक साथ की जाएगी। प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी। पहला चरण 1 फरवरी 2027 तक पूरा किया जाएगा, जबकि दूसरा और अंतिम चरण फरवरी 2027 के अंत तक बाकी के राज्यों में 2027 में जनगणना संपन्न होगा। 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि को संदर्भ तिथि माना जाएगा, यानी उस समय देश की जनसंख्या और सामाजिक स्थिति का जो भी आंकड़ा होगा, वही रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।

जानकारी की मानें को पहाड़ी राज्यों में प्राथमिकता दी जाएगी। जिसको लेकर गृह मंत्रालय के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों में जनगणना 1 मार्च 2026 को दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगी। इस संदर्भ में जनगणना अधिनियम 1948 की धारा 3 के तहत अधिसूचना 16 जून 2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। इस जनगणना के माध्यम से सरकार विभिन्न जातियों की संख्या और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आकलन करेगी, जिससे विकास योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
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15 साल बाद हो रही जनगणना
15 साल बाद जनगणना की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसकी गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि कर दी है। वहीं 1 मार्च 2027 से जनगणना को लेकर काम शुरू होगा।
वैसे, आमतौर पर प्रत्येक 10 साल पर जनगणना कराई जाती है। लेकिन कोविड की वजह से जनगणना टाल दी गई थी। बतादें कि इस जनगणना के साथ जातिगत जनगणना को भी शामिल किया गया है। मोदी सरकार ने कुछ दिन पहले ही जाति जनगणना को लेकर फैसला किया था। लंबे समय से विपक्ष इसकी मांग कर रहा था।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया-“जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के प्रावधान के अनुसार उपरोक्त संदर्भ तिथियों के साथ जनगणना कराने के आशय की अधिसूचना संभवतः 16 जून 2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी।” जनगणना, जनगणना अधिनियम 1948 और जनगणना नियम 1990 के प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। बताते चले कि पिछली बार जनगणना साल 2011 में की गई थी, उस समय भी इसकी प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न हुई थी।
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पूछे जाएंगे यह सवाल
आप क्या करते हैं?
आपकी उम्र कितनी हैं?
आप महिला हैं या पुरुष?
आप विवाहित हैं या नहीं?
आप कहां रहते हैं और कहां से ताल्लुक रखते हैं?
आपने कितनी पढ़ाई की हैं?
आप यहां कितने समय से रह रहे हैं?
आपका धर्म क्या हैं?
आप किस पार्टी की ओर झुकाव रखते हैं?
आपके स्वास्थ्य, विकलांगता से संबंधित सवाल और आधार, पैन जैसे दस्तावेज के बारें में…