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किरेन रिजिजू ने पेश किया वक्फ बिल, विपक्ष ने जमकर जताया विरोध

Waqf Amendment Bill 2025: लोकसभा में आज यानी की बुधवार को बजट सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश हो गया है। विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- अगर हमने आज यह संशोधन पेश नहीं किया होता, तो हम जिस संसद भवन में बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर पीएम मोदी सरकार सत्ता में नहीं आती, तो कई संपत्तियां गैर-अधिसूचित हो चुकी होतीं…”

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वक्फ संशोधन विधेयक बना चर्चा का मुद्दा

आपको बतादे कि लोकसभा में बुधवार दोपहर में बजट सत्र के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया। बताते चले कि इस बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय किया गया है। वहीं संसद में बिल पेश करने के दौरान विपक्ष का जमकर हंगामा देखने को भी मिला। इसके साथ ही विपक्ष ने इस वक्फ संशोधन विधेयक मुद्दे पर चर्चा करने का समय बढ़ाकर 12 घंटे करने की मांग भी की है। वहीं बिल पेश करने के दौरान सरकार ने मुसलमानों को कई भरोसे दिए हैं।

जिसमें केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पेश करते हुए मुसलमानों को कुछ प्रमुख आश्वासन दिए, जिसमें मस्जिदों पर कार्रवाई से इनकार और धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप न करने का वादा शामिल है। इसके साथ ही सरकार ने दावा किया कि यह विधेयक केवल वक्फ संपत्तियों से संबंधित है और धार्मिक स्थलों से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इसी दौरान किरेन रिजिजू ने कहा – इस बिल को लेकर 9727772 याचिकाएं आई थी, आज तक कभी भी इससे ज्यादा संख्या में किसी भी बिल को लेकर याचिकाएं नहीं आई हैं। 284 डेलिगेशन ने अलग-अलग कमेटी के सामने अपनी बात रखी है. इस बिल का पॉजिटिव सोच के साथ विरोध करने वाले भी समर्थन करेंगे।

सरकार ने किए मुसलमानों से वादे

बताते चले कि वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के दौरान किरेन रिजिजू ने संसद में मुसलमानों को भरोसा दिलाया कि किसी भी मस्जिद पर कोई कार्रवाई का प्रावधान इस बिल में नहीं है। ये सिर्फ संपत्ति का मामला है धार्मिक संस्थानों से इस बिल का कोई लेना देना नहीं है।

सरकार ने बताया कि वक्फ संशोधन बिल में किसी भी धार्मिक स्थल-मस्जिद की व्यवस्था में किसी भी तरह के हस्तक्षेप का कोई प्रावधान नहीं है. इसमें कोई बदलाव न ही कोई हस्तक्षेप किया जाएगा।

वक्फ संशोधन बिल में किसी भी धार्मिक कार्य कलाप में हस्तक्षेप का कोई प्रावधान नहीं है। हम किसी भी मस्जिद के संचालन में हस्तक्षेप करने नहीं जा रहे हैं, वक्फ बोर्ड कानून के दायरे में होगा। इसमें कुछ भी कानून के उलट नहीं किया जाएगा।

इसके आगे रिजिजू ने कहा – कलेक्टर से ऊपर कोई भी अधिकारी सरकारी जमीन और किसी विवादित जमीन का विवाद देखेगा। जब वक्फ प्रॉपर्टी क्रिएट करेंगे तो किसी आदिवासी एरिया में जाकर नहीं कर सकते हैं। यह बदलाव अहम है, किसी भी मस्जिद को कोई कार्रवाई का प्रावधान नहीं है, सरकार ने बताया कि इस बिल में मस्जिद के मैनेजमेंट में दखलंदाजी का प्रावधान नहीं कर रहे हैं।

सरकार ने वादा किया कि Centre of council में कुल 22 सदस्यों में 4 सदस्य गैर-मुसलमानों से ज्यादा नहीं हो सकते हैं. पूर्व अधिकारियों सहित संसद के 3 सदस्य चुने जाएंगे, संसद के सदस्य किसी भी धर्म के हो सकते हैं।

किरेन रिजिजू ने स्पष्ट करते हुए कहा- यह बिल केवल वक्फ संपत्तियों से जुड़ा है, न कि मस्जिदों से। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ प्रावधान तय किए गए हैं, जिनके अनुसार वक्फ मामलों की देखरेख वही व्यक्ति कर सकता है जिसने कम से कम 5 साल की प्रैक्टिस की हो। उन्होंने आगे कहा- “शिया, सुन्नी, पिछड़ी जातियों के लोग और महिलाएं सभी इसमें शामिल रह सकते हैं।”

किरेन रिजिजू ने आगे सवाल उठाते हुए कहा- भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति है, फिर भी आज तक गरीब मुसलमानों के लिए कुछ क्यों नहीं किया गया? उन्होंने इस बिल का विरोध करने वालों से पूछा कि अगर इतनी वक्फ संपत्ति है तो इसका सही इस्तेमाल गरीब मुसलमानों के हित में क्यों नहीं हो रहा?

विपक्ष ने जताया विरोध

समाजवादी पार्टी का विरोध

आपको बताते चले कि वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के दौरान संसद में विपक्षों ने जमकर हमला बोला हैं, इस दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वक्फ विधेयक के बहाने यूपी की योगी सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। सपा अध्यक्ष ने महाकुंभ से लेकर हाल ही में संपन्न हुए ईद पर विभिन्न जिलों में लगाई गई पाबंदियों का जिक्र करते हुए यूपी सरकार को संसद से घेरा।

अखिलेश ने महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा- 1000 हिंदू तो खो गए है कहा हैं वो? बिना तैयारी के बीजेपी के लोगों ने 100 करोड़ लोगों को बुला लिया, महाकुंभ में कितने लोगों की जान गई पता है न सबको! इसी दौरान कन्नौज सांसद ने कहा – ये लोग मुसलमानों में बंटवारा चाहते हैं, बंटवारा तो PDA करेगा देखना। मिल्कीपुर उपचुनाव का जिक्र न करते हुए अखिलेश ने फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद की ओर इशारा करते हुए कहा – चुनाव तो इन्होंने देखा है… वोट ही नहीं डालने दिया। उन्होंने आगे कहा- ईद पर सभी धर्म के नेता जाते है लेकिन इस बार पाबंदी थी, वक्फ विधेयक का विरोध का ऐलान करते हुए सपा चीफ ने कहा कि समाजवादी पार्टी बिल का विरोध करती है।

उन्‍होंने कहा कि मैं समझ सकता हूं बात छेड़ना तो नहीं चाहता था, लेकिन कहना मजबूरी है, ये जो बिल लाया जा रहा है, भाजपा में मुकाबला चल रहा है।
इस दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी बात रखनी शुरू की तो भाजपा पर तंज कस दिया। बात कह दी गई कि खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली भाजपा अभी तक अपना राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष तक नहीं चुन पाई है।

कांग्रेस पार्टी का विरोध

इसी दौरान लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश में कांग्रेस ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा- यह विधेयक लेजिस्लेचर को जबरदस्ती आगे बढ़ाने जैसा है। इसी के साथ ही विधेयक को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- सदन में सदस्यों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को लेकर भी सवाल उठाया। वहीं, अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।

विपक्ष के आरोपों पर शाह ने लगाए ठहाके

विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी हंस पड़े और जवाब देने के लिए खड़े हुए, उन्‍होंने इस बात का करारा जवाब दिया और अखिलेश एवं विपक्ष के दूसरे सांसद भी मुस्‍कुराने लगे, क्‍योंकि बात अखिलेश या उनकी पार्टी की नहीं, बल्कि विपक्ष की सभी पार्टियों की हो गई।

अमित शाह ने जवाब में कहा कि अखिलश जी ने ये बात हंसते हंसते कही है तो भी इसका जवाब हंसते हुए ही दूंगा। ये जो सामने उनकी और दूसरी सभी पार्टियां बैठी हैं, उनका राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष उनमें से पांच लोगों को मिलकर चुनना है, और अध्‍यक्ष भी आप लोग ही रहेंगे। उन्‍होंने आगे कहा कि अखिलेश जी आप 25 साल तक समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष रहेंगे, आपको कोई नहीं बदल सकता। इस पर सदन में दोनों पक्षों के सांसदों ने ठहाका लगा दिया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष हमारे ही लाखों करोड़ों को चुनना है। इसलिए ही इसमें वक्‍त लग रहा है।

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