TheVoiceOfHind

दीपावली का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, गणेश-लक्ष्मी का करें स्वागत


गणेश-लक्ष्मी की पूजा करने से घर-व्यापार में धन-धान्य, सुख-समृद्धि, यश-कीर्ति, वैभव, मान, सम्मान के साथ माता लक्ष्मी का आगमन होता हैं।


Diwali Festival: दीपावली का पर्व 5 दिनों तक चलने वाला बेहद ही खास त्यौहार होता है जिसे पूरे भारतवर्ष में धूम-धाम से मनाया जाता हैं। यह पांच पर्व हैं धन त्रयोदशी, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धव पूजा, यम दुतिया या भैया दूज हैं। प्रकाशति से जगमगाने वाला यह त्यौहार उल्लास और दीपोत्सव पर्व हैं। इस लिए इस दिन गणेश-लक्ष्मी की पूजा करने से घर-व्यापार में धन-धान्य, सुख-समृद्धि, यश-कीर्ति, वैभव, मान, सम्मान के साथ माता लक्ष्मी का आगमन होता हैं।

the voice of hind- दीपावली का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, गणेश-लक्ष्मी का करें स्वागत

जानें दीपावली का महत्व

दीपावली के दो दिन पहले धनतेरस की पूजा की जाती है इस दिन घर में सोना-चांदी खरीद कर लाया जाता हैं और पूजा की जाती है इसके बाद नरक चतुर्दशी के दिन घर की सफाई की जाती है जिससे घर की दरिद्रता दूर होती है घर-व्यापार से नेगेटिव ऊर्जा का नाश होता हैं और घर की गंदगी के साथ घर की नेगेटिविटी को भी घर से बाहर निकाल दिया जाता हैं।

Read More: धनतेरस पर करें ये खरीदारी, बनें धनवान! सौभाग्यशाली

फिर अमावस्या की रात्रि को महारात्री कहते है, इस दिन निशा मध्य भगवती जगत जननी की पूजा आराधना करनी चाहिए प्रसन्न होकर माता श्री हरि के साथ घर में विराजमान होती है, और अपने भक्त की मनोकामना पूर्ण करती है।

the voice of hind- दीपावली का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, गणेश-लक्ष्मी का करें स्वागत

जानें दीपावली का शुभ मुहूर्त

वहीं कई लोगों में कन्फ्यूजन है कि दीपावली 31 अक्टूबर को मनाएं या 1 नवंबर को तो ऐसे में आपके इस कन्फ्यूजन को हम बताएं गए शुभमुहूर्त के जरिए खत्म कर देंगे। आपको बतादें कि इस साल 31 अक्टूबर यानी की गुरुवार को चतुर्दशी अपरह्न 3 बजकर 12 मिनट तक रहेगी, उसके बाद प्रदोष व्यापिनी अमावस्या पूरी रात दूसरे दिन शुक्रवार 1 नवंबर शाम 5 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। जो सूर्यास्त से पूर्व इसलिए 31 अक्तूबर निशा मध्य माता भगवती का पूजन होगा। इसलिए इस साल 31 को प्रदोष काल से दीप उत्सव मनाया जाएगा यह काशी के विद्वान द्वारा निर्णय किया गया है।

Read More: देश की जनगणना को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

गणेश- लक्ष्मी पूजा का महत्व

दीपावली पर गणेश के साथ लक्ष्मी पूजा की जाती है, क्योंकि गणेश जी को बुद्धि के देवता कहा जाता है और मां लक्ष्मी वैभव को देने वाली माता है। जब माता लक्ष्मी मनुष्य को सम्पन्नता देती है तो मनुष्य अपनी प्रतिभा को सही जगह लगाए उसके लिए ऋषियों में बुद्धि के देवता गणेश पूजन का विधान बनाया ताकि मनुष्य सत्कर्म करके धन को धर्म मार्ग से खर्च करें। वैसे लक्ष्मी के साथ नारायण श्री हरि का पूजन करना चाहिए ऐसी भी मान्यता हैं, भगवती जगत जननी अपने आराध्य को साथ पाकर जल्दी प्रसन्न होती है उसके साथ कुबेर धन के खजांची का पूजन करना चाहिए।

the voice of hind- दीपावली का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, गणेश-लक्ष्मी का करें स्वागत

दीपावली पर कैसे करें पूजा

दीपावली के पावन अवसर पर गणेश-लक्ष्मी के श्री हरि की पूजा की जाती है इसके साथ ही धन के खजांची कुबेर का पूजन करना चाहिए। इसके साथ ही शंख की भी पूजा करनी चाहिए क्योंकि शंख की उत्पति समुद्र से होती है लक्ष्मी भी समुद्र से प्रगट हुई है,  इसलिए लक्ष्मी का भाई शंख है जिस घर में दक्षिणा व्रती शंख की पूजा होती है भाई को पाकर लक्ष्मी बहुत खुश होती हैं उस घर में धन वैभव का भंडार भरा रहता है माता रानी सभी का मनोकामना पूर्ण करती हैं।

दीपावली की रात्रि को महारात्री निशा मध्य पूजा करे, गूंजा, कोड़ी ,काली हल्दी, दक्षिणा व्रती शंख, हत्था जोड़ी, सियार सिंगी, हल्दी की गांठ खड़ी आदि आदि लक्ष्मी को प्रिय है इसलिए पूजा में यह भी शामिल कर सकते हैं। इसके साथ ही गायत्री मंत्र का जप करें इससे सभी बाधा दूर होती है साथ ही मनुष्य के हृदय को निर्मल बनाता है, जीव के बंधन को मुक्त कर मोक्ष प्रदान करती है।

खास आपके लिए

बड़ी खबरें