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ज्योतिष ज्ञान में सीखे ज्योतिष: जानें ज्योतिष और ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड तक सूर्य मंडल का ज्ञान


ज्योतिष शास्त्र क्या है इसको पहले समझे कि ये हमारे लिए जानना क्यों जरूरी है। तो बतादें कि सूर्य आदि ग्रहों के बोध करवाने वाले शास्त्र को ही ज्योतिष शास्त्र कहते है।


ज्योतिष  ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्ञान में वृद्धि के ज्योतिष ज्ञान का विषय है, ज्योतिष शास्त्र क्या है इसको पहले समझे कि ये हमारे लिए जानना क्यों जरूरी है। तो बतादें कि सूर्य आदि ग्रहों के बोध करवाने वाले शास्त्र को ही ज्योतिष शास्त्र कहते है।

"यत पिंडे ताता ब्रह्मांड" अर्थात जो कुछ पिंड में है वही ब्रह्मांड में है।

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योग विज्ञान

इसलिए पिंड को जानना ही ब्रह्मांड को जानना है, इस विषय को लेकर गुरुदेव ने कहा- मनुष्य ब्रह्मांड में रहता है और मनुष्य के अंदर भी ब्रह्मांड है अपने को जानना ही ब्रह्मांड को जानना होता है। जैसा कि हम सभी जानते है कि मनुष्य की पांच ज्ञान इंद्रिय, पांच कर्म इंद्रिय, और मन जब आत्मा तत्व में लीन होता तो मुक्ति का मार्ग है। यही साधना का नाम योग विज्ञान हैं।

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ज्योतिष क्या हैं?

माना जाता है जब पांच तत्व स्पर्श, सुंघना, देखना, सुनना, चखना,  शरीर भाव में विचरण करता उसी में लिप्त रहता है तो उसे विषय विकार कहते है, और विषय वासना विष भरी है कटारी उसे बंधन कहते है। यह पांच तत्व में एक तत्व आकाश तत्व होता है जो शब्द से सुनने से जाना जाता हैं, उसे नाद ब्रह्म से जाना जाता उसकी गड़ना का नाम ज्योतिष है। आकाश मंडल में ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड तक सूर्य मंडल का ज्ञान का नाम ज्योतिष है।

उसकी जानकारी करना उस तक गुरु के साथ कनेक्ट रहना का नाम ज्योतिष है, ज्योतिष में 9 ग्रह, 27 नक्षत्र, 12 राशियां, सात दिन का हफ्ता, 15 दिन का पक्ष, 2 पक्ष का महीना होता है। 12 महीना में 12 राशियों में सूर्य का भ्रमण होता है। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, पृथ्वी सहित सारे ग्रह मंडल सूर्य की परिक्रमा करते हैं। सूर्य जगत आत्मा सूर्य सारे जगत को प्राण शक्ति प्रदान करता है। सूर्य की ऊर्जा से सभी पशु पक्षी जड़ चेतन को ऊर्जा मिलती है। यह सभी गोपनीय विषय की जानकारी का नाम ही ज्योतिष है।

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अपने आप को पहचाने

इसलिए कहा जाता है कि मनुष्य जब अपनी गहराई को अच्छाई को जान जाता है तब वह उसको ग्रहण करता है, जानने योग्य को जानता उस मार्ग पर चलता है जो गुरु के निर्देशित हैं। इसलिए मनुष्य का जीवन पाकर अपने को जानने की मैं कौन हूं। केवल हाड़ मांस का पुतला नहीं इसके अंदर पड़ा सोया हुआ वह तत्व जो जानने योग्य है।

"सोई जानहि जेहि देहु जनाई, जानत तुम्हहि तुम्हइ होइ जाई।" अर्थात् माध्यम कुछ भी हो, लक्ष्य तक पहुंचना एक है

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विशेष जानकारी:- यह गुरु कृपा से होता है आप के पास प्रसाद रूप में ज्योतिष ज्ञान दिया जा रहा है आशा है ज्ञान के इच्छुक  ज्ञान के व्यापारी ज्ञान के ग्राहक उसे लेंगे, हमारा प्रयास है समाज में जो विद्या लुप्त होती जा रही है, उसको भ्रमित किया जा रहा है अल्प ज्ञानी उसका दुरुपयोग कर रहे है। उन तक ज्ञान का विस्तार पहुंचे, ज्योतिष संबंधी जानकारी जो हर हफ्ते दिया जाता है उसे सीखना चाहते है तो राम नजर मिश्र ज्योतिषाचार्य रत्न रुद्राक्ष विशेज्ञ से 9415126330, 6386254344 से संपर्क करें, बाकी ज्योतिष से जुड़ी विशेष जानकारी के लिए भी संपर्क करें।

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