ज्योतिष ज्ञान में सीखे ज्योतिष: कुंडली के द्वितीय भाव में नौ ग्रहों का फल
ज्योतिष ज्ञान में वृद्धि के लिए पिछले सप्ताह में देखा प्रथम भाव में सभी नौ ग्रहों का फल, वहीं आज का विषय है द्वितीय भाव में सभी नौ ग्रहों का फल क्या होगा।
ज्योतिष ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्योतिष ज्ञान में वृद्धि के लिए आज का विषय है द्वितीय भाव में सभी नौ ग्रहों का फल क्या होगा।
आपको बता दें कि ज्योतिष ज्ञान में वृद्धि के लिए पिछले सप्ताह में देखा प्रथम भाव में सभी नौ ग्रहों का फल, वहीं आज का विषय है द्वितीय भाव में सभी नौ ग्रहों का फल क्या होगा।
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द्वितीय भाव में नौ ग्रहों का फल
द्वितीय भाव में शुक्र ग्रह
बताते चले कि द्वितीय भाव धन का होता है यह घर काल पुरुष के शुक्र ग्रह का होता है। यहां से विलासिता की पूर्ति धन की वृद्धि कितनी होगी, तो ऋषियों ने कहा आप जितना धन जीवन में चाहते है उतना होगा पहले अपने चाहत को ड्रीम्स बनाना होगा। फिर उसको पाने के लिए एक्शन करना होगा, प्लानिंग के तहत अगर काम किया जाए तो वह धन आप को मिल जाएगा। आप के विचार ही आप को वापस लौट कर मिलता है। ठीक उसी प्रकार आप के कर्म ही आप को फल देता है।
गोस्वामी जी ने कहा- "जो विचार करत मन माही, राम कृपा कछु दुर्लभ नहीं। बस विश्वास करने की जरूरत हैं।
द्वितीय भाव में सूर्य ग्रह
अगर धन भाव में सूर्य हो तो यह पुरुषार्थ के द्वारा सफलता मिलती है। शासन प्रशासन या सेना में ब्रिगेडियर खिलाड़ी बनता है।
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द्वितीय भाव में चंद्रमा ग्रह
अगर धन भाव में चंद्रमा नीच का या कमजोर हो तो सर्दी से प्रभावित रहेंगे। जलीय पदार्थ स्त्री तत्व से प्रभावित रहेंगे, चंद्रमा उच्च का या स्वग्रही हो तो फॉरेन का योग बनाता है। शिव पूजन से शांति सुख प्राप्त होगा।
द्वितीय भाव में मंगल ग्रह
अगर द्वितीय भाव में मंगल हो तो मंगल युवराज सेनापति साहस का प्रतीक होता है। जो उच्च का या स्वग्रही हो तो आपको सेना में या पुलिस विभाग में नौकरी देता है। खिलाड़ी बनता है।
द्वितीय भाव में बुध ग्रह
अगर द्वितीय भाव में बुध ग्रह हो तो उच्च या मित्र गृही या स्वग्रही तो प्रोफेसर एकाउंट गणित वर्ग में नौकरी देता गुरु से प्रभावित बुध टीचर कथा वाचक बनता है जहां से धन की वृद्धि होगी
द्वितीय भाव में गुरु ग्रह
अगर द्वितीय भाव में गुरु स्व गृही, मित्र गृही या उच्च का हो तो कथा वाचक मंदिर का पुजारी पांडित्य कर्म से धन संपदा देता है।
द्वितीय भाव में शुक्र ग्रह
अगर द्वितीय भाव में शुक्र ग्रह मित्र गृही स्व गृही या उच्च है, तो फॉरेन का योग बनाता हैं। मंगल ग्रह से प्रभावित होता तो टेक्निकल एजुकेशन से जुड़े काम करने से धन संपदा देता है।
द्वितीय भाव में शनि ग्रह
अगर द्वितीय भाव में शनि ग्रह स्थिति हो स्व गृही या मित्र गृही या उच्च का हो तो नए तकनीक से लाभ होगा। व्यापारी हो तो लोहा से जुड़ी सभी काम से धन संपदा देता है।
द्वितीय भाव में राहु या केतु ग्रह
अगर द्वितीय भाव में राहु या केतु हो तो अचानक परिवर्तन के साथ धन देता या राजनीति से जुड़ी धन संपदा देता है। केतु तंत्र मंत्र से धन संपदा देता है।