TheVoiceOfHind

संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद पीएम ने किये कई वादें, बोले- देश के लिए हमने कोई कसर नहीं छोड़ा


बताते चले कि संसद में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि की (NDA) ने संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी


नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2024 की जीत के बाद NDA (एनडीए) संसदीय दल की बैठक आज दिल्ली में हुई जिसमें नरेंद्र मोदी को नेता चुन लिया गया। बतादें कि भारी बहुमतों से जीत मिलने के बाद नरेंद्र मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार देश के पीएम पद की शपथ लेंगे। वहीं दिल्ली में संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद पीएम मोदी ने कहा, 'मैं चुनाव जीतने वाले सभी नेताओं को बधाई देता हूं, मैं इस जीत के लिए जमीन पर अथक परिश्रम करने वाले सभी लोगों का भी अभिवादन करता हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष ने 2024 के लोकसभा नतीजों को हमारी हार के रूप में दिखाने का प्रयास किया लेकिन हमारे देश के लोग जानते हैं कि हम कभी नहीं हारे।

बताते चले कि संसद में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि की (NDA) ने  संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा गठबंधन मजबूत है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने विपक्षी दलों यानि की 'इंडिया' गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा- NDA के सफर का जिक्र करते हुए पीएम बोले एनडीए सबसे मजबूत गठबंधन है। उन्होंने कहा- दक्षिण में नई राजनीति शुरू होने वाली है।

Read More: एक्शन में आये यूपी के सीएम, जनता से मिलें फीडबैक पर अधिकारियों के साथ होगी बैठक

NDA गठबंधन पर विश्वास है

NDA गठबंधन के विश्वास को लेकर पीएम ने कहा- "हमारे NDA गठबंधन के केंद्र में परस्पर विश्वास है। इसके साथ ही दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी ने NDA संसदीय दल की बैठक में कहा-  हम 'सर्व धर्म समभाव' के सिद्धांत का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह भारत के इतिहास का सबसे सफल गठबंधन है, हमारा उद्देश्य हमारे सभी फैसलों में आम-सहमति पाने का होगा।"
हमने बहुमत हासिल किया है। मैं कई बार कह चुका हूं कि सरकार चलाने के लिए बहुमत जरूरी है, लेकिन देश चलाने के लिए सर्वमत जरूरी होता है। हम देश को आगे ले जाने  के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।"

चौथे कार्यकाल में प्रवेश कर रही NDA

संसद में अपनी स्पीच में नरेंद्र मोदी ने बोले एनडीए ने तीस साल में तीन बार पूरा कार्यकाल किया है जिसके बाद हम भारी मतों की जीत के बाद हम चौथे कार्यकाल में प्रवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए सत्ता पाने के लिए कुछ लोगों का जमावड़ा नहीं है। बल्कि यह 'राष्ट्र प्रथम' के सिद्धांत के प्रति समर्पित स्वाभाविक गठबंधन है। एनडीए सरकार अगले 10 वर्ष में सुशासन, विकास और आम नागरिकों के जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित करेगी। जब भी मैं भगवान जगन्नाथ के बारे में सोचता हूं तो मुझे लगता है कि वे गरीबों के भगवान हैं। अगले 25 वर्ष में ओडिशा देश के प्रमुख विकास इंजनों में से एक होगा।"

उन्होंने कहा- ‘‘हिंदुस्तान के इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए कि एनडीए को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनाकर उनको सेवा करने का मौका दिया है। हमारा ये गठबंधन भारत की भावना है, भारत की आत्मा है और सच्चे अर्थ में भारत की जड़ों का एक अर्थ में प्रतिबिंब है।’’

अगले 10 साल का बताया एजेंडा

नरेंद्र मोदी ने बताया कि हमारी सरकार का एजेंडा अगले 10 साल में सुशासन, विकास, नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार है। मेरा व्यक्तिगत रूप से एक सपना है। सामान्य मानव के जीवन में से सरकार का दखल जितना कम होगा, उतना ही लोकतंत्र मजबूती होगा। मोदी ने आगे कहा- एनडीए गठबंधन के मूल्य अटल बिहारी वाजपेयी और बालासाहेब ठाकरे जैसे महान अनगिनत लोगों के हैं। हम सबके पास ऐसे महान नेताओं की विरासत है।

हमारा गोवा हो या हमारा पूर्वोत्तर भारत हो, जहां बहुत बड़ी मात्रा में ईसाई भाई-बहन रहते हैं। आज इन राज्यों में भी एनडीए को सेवा करने का अवसर मिला हुआ है।’’नरेंद्र मोदी ने कहा कि एनडीए ने इस देश को गुड गवर्नेंस दिया है। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू रहे हों या फिर बिहार में नीतीश कुमार हो, हम सबके केंद्र में गरीब कल्याण रहा है। नीतीश कुमार ने बिहार के लिए भरपूर सेवा की हैं।

कांग्रेस को घोटाले को देश ने नहीं भूला

Read More: NDA की बैठक में सर्वसम्मति पास हुआ प्रस्ताव, नरेंद्र मोदी तीसरी बार बनेंगे PM

इसके साथ ही नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि पिछले जो दस साल में किया वो तो ट्रेलर है, और हम आगे भी काम करते रहेंगे। क्योंकि अब लोगों से हमारी उम्मीदें बढ़ गई है, वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस को घोटाले को देश ने नहीं भूला है, और ना ही देश के लोगों ने इसे नाकार है। इसके साथ ही मोदी ने लोकसभा चुनाव के रिजल्ट को लेकर NDA ने कहा की ना हम हारे है ना ही हम हारेंगे, और हम विजय को पचाना जानते हैं। आप सोचिए कि दस साल के बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई।

खास आपके लिए

बड़ी खबरें