उत्तर प्रदेश

तेजोमहालय या ताजमहल जानें आखिर क्या है सच, कोर्ट में दायर याचिका हुई स्वीकार

TajMahal: सावन आते ही एक बार फिर ताजमहल का मुद्दा उठा है और सावन के पवित्र महीने में ताजमहल यानि की जिसे (तेजोमहालय) बताया जा रहा है उसमें जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है। सावन के महीने में फिर उठा तेजोमहालय का मुद्दा, मुगलकाल..मुमताज..तेजोमहालय..ताजमहल..आखिर सच क्या हैं?

जानें कोर्ट की दायर याचिका

अब ताजमहल जिसे याचिका कर्ता ने  तेजोमहालय बताया हैं साथ ही सावन माह में शिवभक्त शिवालयों में जलाभिषेक कर रहे हैं, दुग्धाभिषेक कर रहे हैं, कुछ ऐसी ही मांग को लेकर सावन के महीने में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के लिए योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने कोर्ट में याचिका दायर की है।

the voice of hind- तेजोमहालय या ताजमहल जानें आखिर क्या है सच, कोर्ट में दायर याचिका हुई स्वीकार

इस दायर याचिका में याचिकाकर्ता का दावा है कि यहां तेजोमहालय है यानी यहां शिव का मंदिर है। इसलिए हमारी यह मांग है कि  शिव भक्तों यहां पूजा अर्चना करने से ना रोका जाए। बताते चले कि याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक 04 मार्च 2024 को याचिका दायर की गई थी जिसे न्यायालय द्वारा धारा 80 सीपीसी की छूट न देते हुए खारिज कर दिया था लेकिन अब नए सिरे से एक बार फिर कानूनी जंग शुरू होने के आसार दिख रहे हैं।

Read More: दिल्ली में 8 IAS अफसरों का किया गया तबादला, जानें कौन कहां हुआ तैनात

दायर याचिका हुई स्वीकार

आपको बतादें कि योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर और अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर के मंगलवार दोपहर लघुवाद न्यायालय में दायर किए वाद को न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव की अदालत में दायर किया, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। जिसमें प्रतिवादी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल को बनाया गया है। न्यायाधीश ने राजकुमार पटेल को समन और नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।

the voice of hind- तेजोमहालय या ताजमहल जानें आखिर क्या है सच, कोर्ट में दायर याचिका हुई स्वीकार

याचिकाकर्ता कुंवर अजय तोमर के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने न्यायलय न्यायाधीश के समक्ष अपना पक्ष रखा। सुनवाई के बाद लघुवाद न्यायाधीश मृत्युंजय श्रीवास्तव ने प्रतिवादी एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल को सम्मन और नोटिस जारी करने के आदेश दिया है। याचिकाकर्ता योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने बताया कि सावन का महीना करोड़ों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा हुआ है। ये भगवान शिव की आराधना का पर्व है। तेजोमहालय भगवान शिव का मंदिर है, जिसमें जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक होना चाहिए।

याचिकाकर्ता का दावा और सचाई

आपको बतादें कि तेजोमहालय के मुद्दे को लेकर याचिकाकर्ता का दावा है कि यहां बारहवीं सदी में ये यमुना नदी के किनारे मंदिर बनाया गया था। जिसे मुगल काल में शाहजहां ने राजा मानसिंह से ताजमहल तेजोमहालय को हड़प लिया था, इसके साथ ही याचिकाकर्ता कुंवर अजय तोमर का कहना था कि ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की कोई कब्र नहीं है, यह एक सफेद झूठ है मुमताज का निधन 1631 में हो गया था।

जबकि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ था तो किसी भी मृत शव को 1 साल बाद नहीं दफनाया जाता जबकि असल में मुमताज को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में ताप्ती नदी के किनारे दफनाया गया था, जहां आज भी उसकी कब्र के साक्ष्य मौजूद है।

the voice of hind- तेजोमहालय या ताजमहल जानें आखिर क्या है सच, कोर्ट में दायर याचिका हुई स्वीकार

इसके साथ ही तोमर का कहना है कि सन 1212 में राजा पर्मादिदेव ने आगरा में एक शिव मंदिर बनवाया था। जिसे तेजोमहालय या तेजोमहल नाम दिया गया था। राजा पर्मादिदेव के बाद राजा मानसिंह ने इसे अपना महल बनाया और मंदिर को सुरक्षित रखा। बाद में मुगलों का शासन आया। इस दौरान शाहजहां ने राजा मानसिंह से तेजोमहालय को हड़प लिया, यहीं पर ताजमहल का निर्माण हुआ। तेजोमहालय में शाहजहां और मुमताज की कोई कब्र नहीं है।

हिन्दू मंदिरों पर बनाया कब्र

अजय तोमर का कहना है कि मुगल बादशाह शहंशाह शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने अपने पिता को 1652 में ही खत लिखा था। जिसमें लिखा था कि इमारत में दरारें आ गई हैं, कभी भी गिर सकती है, इसकी मरम्मत की जाए। इससे यह भी साफ होता है कि कहीं न कहीं पुराने ही किसी चिन्ह पर इसको मॉडिफाई किया गया है। मुख्य गुम्बद पर जो कलश है, वह हिन्दू मंदिरों की तरह है।

सनातनी परंपरा पर तेजोमहालय का हुआ है निर्माण

आज भी हिन्दू मंदिरों पर स्वर्ण कलश स्थापित करने की परंपरा है। कलश पर चंद्रमा बना है। अपने नियोजन के कारण चन्द्रमा एवं कलश की नोक मिलकर एक त्रिशूल का आकार बनाती है। जो भगवान शिव का चिह्न है। इतना ही नहीं अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि ताजमहल की बाहरी दीवारों पर कलश, त्रिशूल, कमल, नारियल और आम के पेड़ की पत्तियों के प्रतीक चिन्ह अंकित हैं। जो हिंदू मंदिरों के प्रतीक हैं। हिन्दू मंदिर प्रायः नदी या समुद्र तट पर बनाए जाते हैं। तेजोमहालय ताजमहल भी यमुना नदी के तट पर है। अधिवक्ता का कहना है कि तेजोमहालय हिंदू मंदिर है। जहां सावन के महीने में जलाभिषेक होना चाहिए।

the voice of hind- तेजोमहालय या ताजमहल जानें आखिर क्या है सच, कोर्ट में दायर याचिका हुई स्वीकार

जल्द भक्त कर सकते है दुग्धाभिषेक

याचिका में आगे कहा गया कि मुगलों ने भारत में आकर मंदिरों को तोड़ा और उनके ऊपर मकबरे बना दिए। किसी दूसरे के घर पर नेम प्लेट लगाने से वो खुद का घर नहीं हो जाता। मुगलों ने अपने नाम की नेम प्लेट हिंदुओ के धार्मिक स्थलों पर लगा रखी है, जो कि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ताजमहल वर्तमान में एक इमारत है किंतु वहां मुस्लिम समुदाय द्वारा नमाज अदा की जाती है, उर्स का आयोजन किया जाता है तो फिर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक क्यों नहीं हो सकता है? इस आधार पर न्यायालय से जलाभिषेक की अनुमति की मांग की गई है। अगर अनुमति मिलती है तो योगी यूथ ब्रिगेड के पदाधिकारी ताजमहल में जाकर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक कर भगवान शिव की आराधना करेंगे।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *