यूपी सरकार ने 2.44 लाख कर्मचारियों की रोकी सैलरी, जानें वेतन रोकने का कारण
The Voice Of Hind UP News: उत्तर प्रदेश में अब सरकारी कर्मचारियों को सरकार की तरफ से बड़ा झटका लगा हैं। क्योंकि यूपी की योगी सरकार ने 2.44 लाख कर्मचारियों की सैलरी रोक दी हैं। इसके पीछे की वजह की मुख्य सचिव ने सभी सरकारी कर्मचारियों से 31 अगस्त तक अपनी संपत्ति का डिटेल देने का निर्देश दिए थे। मगर अभी तक निर्देशानुसार संपत्ति का ऑनलाइन ब्यौरा ना जमा होने के कारण सरकार ने कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई हैं।
डेडलाइन तक संपत्ति अपलोड करें
बतादें कि यूपी के कुल 2, 44565 राज्य कर्मचारियों की संपत्ति का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया हैं। वहीं विभागों की रिपोर्ट के आधार पर इन सभी कर्मचारियों का अगस्त का वेतन रोका गया। क्योंकि 31 अगस्त तक सभी राज्य कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करना था। फिलहाल जरूरी जानकारी ये है कि सरकार ने अब इस डेडलाइन 31 अगस्त को एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है। जिसके आधार पर अब बचे हुए कर्मचारियों को 30 सितंबर तक ब्यौरा अपलोड करना जरूरी होगा।
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जानें किनके रोके गए है वेतन
वहीं मिली जानकारी की मानें तो अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वालों में सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सरकारी कर्मचारी, निगम कर्मचारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं के हैं। इसके साथ ही राजस्व विभाग के अधिकतर कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। जिसके बाद अब मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के ओर से ब्यौरा ना देने वाले सरकारी कर्मचारियों के वेतन रोकने के निर्देश दे दिए गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले 17 अगस्त को मुख्य सचिव ने शासनादेश जारी कर सभी कार्मिकों को अपनी संपत्ति का खुलासा करने के निर्देश दिए थे। बता दें कि प्रदेश में कुल 846640 राज्य कर्मी हैं, इनमें से 602075 ने ही मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया। बाकी के करीब ढाई लाख कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की। जिसके बाद वेतन रोक दिया गया। बताते चले कि संपत्ति का ब्यौरा देने में टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कर्मचारी सबसे आगे हैं।
सपा का आया रिएक्शन
वहीं सैलरी रोकने के सरकार के इस फैसले पर अब सपा का भी रिएक्शन सामने आया हैं, सपा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा-‘कथित ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के जनक के राज में कर्मचारियों की सैलरी तक रोक दी जा रही है।’