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भारत को विकसित राष्ट्र बनाने और युवा पीढ़ी के लिए नई एजुकेशन पॉलिसी- PM Modi

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार का प्रयास युवाओं को ऐसे कौशल से सशक्त बनाना है, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं और भारत को वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करें।

बतादें कि मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने YUGM इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025 को संबोधित करते हुए कहा – प्रतिभा, मिजाज और प्रौद्योगिकी की त्रिमूर्ति ही भारत के भविष्य को बदल देगी। इसके लिए हम भारत के बच्चों को बचपन में ही जरूरी एक पोस्टर दे रहे हैं। हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 वर्षों की समय सीमा तय की है।

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भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की योजना

आपको बतादें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत मंडपम में युग्म कॉन्क्लेव में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 25 वर्षीय योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की, इस दौरान पीएम ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा- इस आयोजन के माध्यम से भारत की नवाचार क्षमता और ‘डीप-टेक’ में इसकी भूमिका को बढ़ाने के प्रयासों को गति मिलेगी। इसके साथ ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और मुंबई में कृत्रिम बुद्धिमत्ता , जैव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और चिकित्सा पर ध्यान केंद्रित करते हुए सुपर हब के उद्घाटन का जिक्र किया।

उन्होंने अनुसंधान और नवाचार में तेजी लाने शिक्षा प्रणाली में सुधार और युवाओं को तैयार करने पर जोर दिया, इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि हमारे पास समय सीमित है और लक्ष्य बड़े-बड़े हैं। यह मैं वर्तमान स्थिति के लिए नहीं बोल रहा हूं। इसलिए ये जरूरी है कि हमारे आइडिया से लेकर प्रोटोटाइप तक का सफर भी कम से कम समय में पूरा हो।

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जब हम लैब से बाज़ार की दूरी कम कर देते हैं, तो रिसर्च के नतीजे लोगों तक तेज़ी से पहुंचने लगते हैं, इससे रिसर्च को भी प्रेरणा मिलती है। उन्होंने वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क के शुभारंभ का भी उल्लेख किया, जो राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के सहयोग से अनुसंधान को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

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इन मुद्दों पर पीएम ने की चर्चा

प्रधानमंत्री ने वाधवानी फाउंडेशन, प्रौद्योगिकी संस्थानों और इन पहलों में शामिल सभी हितधारकों को बधाई दी साथ ही उन्होंने निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के बीच सहयोग के माध्यम से देश की शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव लाने में रोमेश वाधवानी की समर्पण और सक्रिय भूमिका की भी विशेष सराहना की।

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पीएम मोदी ने कहा – आज यहां सरकार एकेडेमिया साइंस और रिसर्च के लोग बड़ी सख्या में हैं। इसी को युग्म कहते हैं। इसमें विकसित भारत के स्टेकहोल्डर एक साथ जुडे हैं, जो दूसरों की सेवा में जीवन समर्पित करता है वही असल में जीता है। ऐसा हमारे शास्त्रों में कहा गया है।

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प्रधानमंत्री ने कहा – किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने में शिक्षा प्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा – नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति वैश्विक शिक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।

उन्होंने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा, शिक्षण सामग्री और कक्षा एक से सात तक के लिए नई पाठ्यपुस्तकों के विकास पर टिप्पणी की। उन्होंने पीएम ई-विद्या और दीक्षा प्लेटफार्मों के तहत एआई-आधारित और स्केलेबल डिजिटल शिक्षा अवसंरचना मंच – ‘एक राष्ट्र, एक डिजिटल शिक्षा अवसंरचना’ के निर्माण पर प्रकाश डाला, जिससे 30 से अधिक भारतीय भाषाओं और सात विदेशी भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार की जा सकेंगी।

देश का भविष्य युवा पीढ़ी

पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है, जरूरी यह है कि युवाओं को तैयार किया जाए। इसमें लिए एजुकेशन सिस्टम का सही होना जरूरी है, इसके लिए नई एजुकेशन पॉलिसी बनाई गई है। इसके लिए क्लास वन से क्लास 10 तक नई पुस्तक तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि भारत आज अलग-अलग सेक्टर में रिसर्च के आयाम स्थापित कर रहा है। भारत ने 422 मीटर का हायपरलू आईआईटी मद्रास ने तैयार किया है, यह विकसित भारत की तस्वीर है।

भारत में शोध की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की फंडिंग के साथ अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की गई है। एक राष्ट्र, एक सदस्यता ने युवाओं को यह विश्वास दिलाया है कि सरकार उनकी जरूरतों को समझती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारतीय युवाओं को किसी भी तरह की बाधा का सामना न करना पड़े, प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप की भी स्थापना की गई है। ये प्रयास यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि युवा न केवल अनुसंधान एवं विकास में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि खुद अनुसंधान एवं विकास के लिए तैयार और विघटनकारी बन रहे हैं।

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