ज्योतिष ज्ञान में सीखें ज्योतिष: ज्योतिष में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को जानें
ज्योतिष ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह ज्योतिष ज्ञान में वृद्धि के लिए आज ज्योतिष ज्ञान का विषय है ज्योतिष में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के बारे में जानें…
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ज्योतिष ज्ञान में वृद्धि
पाराशर ऋषि ने फलदीपिका नामक ग्रन्थ में लिखा है एक, पांच, नौ भाव के बारे में कहा है लग्न से शरीर के बारे में पाँचवें भाव से बुद्धि के बारे में संतान के बारे में नवीं भाव से धर्म के बारे में देखे यह तीनों घर धर्म त्रिकोण होता है।
दूसरा भाव छठा भाव दसवां घर अर्थ त्रिकोण होता है जिसमें धन धान्य की जानकारी होती हैं जिसको अर्थ त्रिकोण कहते हैं।
काम त्रिकोण तीसरा भाव सातवां भाव एकादश भाव यहां से कामना की पूर्ति देखी जाती है इसको काम त्रिकोण कहा जाता है।

मोक्ष का भाव चौथा भाव आठवां भाव बारहवां भाव यहां मोक्ष शांति संतोष मिलता है, चौथा घर से सुख शांति तृप्ति होती हैं।
आठवां से मृत्य से अमृत्व की खोज रिसर्च करना होता हैं।
बारहवां भाव खर्च से भोग से तृप्ति की ओर जाना, कामना रहित होना, बैरागी वीतराग होना।
आज विज्ञान विकसित हुआ हे लेकिन हमारे ऋषि ने हज़ारों वर्ष पहले खोज किया की मनुष्य और प्राकृत का संबंध जीव और ब्रह्म के संबंध क्या हैं इसको कैसे जाने रिसर्च करके बताया हैं और सर्च करके दिखाया है। मनुष्य महान है अपने को जाने खोज करें अपना मार्गदर्शक गुरु खोज रहा है शिष्य को एक दिल मिलन हो जाएगा, चाह को राह मिल जाती हैं। ज्योतिष ज्ञान बहुत ही शानदार विषय है यह गुरु कृपा से मिलती हैं साधना स्वाध्याय श्रद्धा से पाया जाता है।

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