आखिर इलेक्ट्रिक स्कूटर से क्यों बन रहा जान का खतरा, जानें समस्या और रोकने के उपाय
जिस कारण अब इलेक्ट्रिक स्कूटर लोगों के लिए जान का खतरा बनते जा रहा है क्योंकि इलेक्ट्रिक स्कूटर के कारण
Electric Vehicles Battery : आज के टाइम में जितना ही लोगों की पसंद इलेक्ट्रिक स्कूटर की तरफ बढ़ रही है, वहीं यह अब लोगों के लिए जान का खतरा भी यह बन रही है। कभी इलेक्ट्रिक स्कूटर में चलते चलते आग लगने लगती है तो कभी चार्जिंग प्वाइंट पर चार्ज होते टाइम आग लगने लगती है, जिस कारण अब इलेक्ट्रिक स्कूटर लोगों के लिए जान का खतरा बनते जा रहा है क्योंकि इलेक्ट्रिक स्कूटर के कारण कई ऐसे घटना हुई है जिसमें परिवार के परिवार जल कर खाक हो गए है।
इलेक्ट्रिक स्कूटर से आखिर क्यों बन रहा खतरा
बतादें कि यूपी के शाहजहांपुर जिले में इलेक्ट्रिक स्कूटर में अचानक आग लग जाने के कारण युवक को सड़क पर चलती स्कूटर से कूद कर अपनी जान बचानी पड़ी। वहीं युवक की जान तो बच गई मगर इलेक्ट्रिक स्कूटर आग में पूरी तरह खाक हो गयी है। अगर जानें कि आखिर क्यों इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग रही है तो बतादें इलेक्ट्रिक स्कूटर बैटरी में लिथियम इलेक्ट्रोलाइट बहुत अधिक ज्वलनशील होते है। जिसकारण वह काफी जल्दी और आसानी से गर्म हो जाता है जिससे बैटरी के विस्फोट होने का डर बना रहता है।
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हलांकि लिआयन बैटरी के सबसे बड़े लाभों में से एक-इसका हाई एनर्जी क्षमता है,बैटरी पैक में आग इसके फैक्टर्स को कंट्रोल न कर पाने के कारण होती है। ज्यादातर इस कारण से शॉर्ट सर्किट होता है। बतादे कि इलेक्ट्रिक बैटरी में आग के प्राथमिक कारण हैं- सेल की गुणवत्ता, बैटरी डिजाइन और बैटरी प्रबंधन सिस्टम (बीएमएस) और सेंसिंग और सॉफ्टवेयर इंटेलिजेंस के जरिए सेल्स का मैनेजमेंट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बाजार में बैटरियों को लाने की यह जल्दी खराब सेल गुणवत्ता, खराब बैटरी डिजाइन और खराब बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम की ओर ले जाती है, जहां सेल्स को सही सॉफ्टवेयर इंटेलिजेंस के साथ ठीक से कंट्रोल नहीं किया जाता है।
क्या है समस्या?
कुछ स्टडीज के अनुसार, भारत में 2030 तक ईवी बाजार में 206 बिलियन डॉलर का कारोबार होगा और इसमें अधिकतर हिस्सेदारी दोपहिया वाहनों की होगी। लेकिन जैसे-जैसे देश महत्वाकांक्षी रूप से एक नए इलेक्ट्रिक युग की ओर बढ़ रहा है, उसी के साथ दोपहिया ईवी क्षेत्र एक बड़े संकट के दौर से भी गुजर रहा है।
कैसे काम करती है बैटरी?
स्मार्टफोन और लैपटॉप से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक, लिथियम-आयन (ली-आयन) बैटरी सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह बैटरी एक एनोड, कैथोड, सेपरेटर, इलेक्ट्रोलाइट और दो करंट कलेक्टर के जरिए काम करती है। इलेक्ट्रोलाइट पॉजिटिव चार्ज को लिथियम आयनों में एनोड से कैथोड तक ले जाता है और इसके विपरीत चार्ज बनाता है। अन्य प्रकार की बैटरियों की तुलना में ली-आयन बैटरी को कुछ प्रमुख चीजें बेहतर बनाने का काम करती हैं, जिनमें इसका हल्का होना, हाई पावर कैपिसिटी, ऊर्जा संरक्षण और रिचार्ज करने की क्षमता होना प्रमुख हैं।
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सरकार ने अपनाया सख्त रूख
इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार भी अब सख्त नजर आ रही है, इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अचानक आग लगने वाले वाहनों की जांच के आदेश दिए हैं और इसके लिए उन्होंने सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी की मदद ली है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी घोषणा की है कि ग्राहक सुरक्षा के साथ लापरवाही करने वाली किसी भी ईवी कंपनी पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने खराब इलेक्ट्रिक वाहनों को रिकॉल करने के भी आदेश जारी किए है।
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कब लगती है बैटरी में आग?
लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की कई वजहें हो सकती हैं। इनमें मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, एक्सटर्नल डैमेज या खराब सॉफ्टवेयर शामिल हैं। खराब हो चुके या डमैज सेल में बहुत ज्यादा हीट पैदा हो सकती है। इसे ‘थर्मल रनवे’ कहा जाता है। इसमें एक सेल में पैदा हुई हीट दूसरे सेल में पहुंच जाती है। इससे एक चेन रिएक्शन बन जाता है, जिसके चलते उसमें आग लग जाती है।
आग रोकने के उपाय?
- हमें बैट्री को ओवरचार्ज करने से बचना होगा।
- बैट्री को सीधे धूप में भी नहीं रखना चाहिए।
- पोर्टेबल बैट्री है तो आप इसे सोते वक्त बिल्कुल चार्ज नहीं करें।
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