भारत की बेटी सुनीता विलियम्स तीसरी बार रचने जा रही इतिहास, भरेंगी अंतरिक्ष की उड़ान
Sunita Williams : भारत की बेटी कल्पना चावला के बाद अब भारत की बेटी सुनीता विलियम्स तीसरी बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने का इतिहास रचने जा रही है। यह खबर हमारे लिए एक बहुत ही गौरव की बात है कि एक बार फिर 12 साल बाद अंतरिक्ष की यात्रा करके भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स इतिहास रचेंगी। यह उड़ान सुनीता विलियम्स पहली बार नहीं दूसरी बार नहीं बल्कि तीसरी बार अंतरिक्ष में उड़ान भरेंगी और इतिहास रचेंगी।
जानें कब होगा लॉन्च
आपको बतादें कि सुनीता विलियम्स बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष जाएंगी, उनके साथ बुच विल्मोर (Butch Wilmore) भी होंगे। वहीं अमेरिकी स्पेस एजेंसी यानि की NASA की मानें तो ये यह उड़ान यूनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस वी रॉकेट से 7 मई यानी स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार
सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर लॉन्च हुआ यानि की आज सुबह 8.04 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस कॉम्प्लेक्स -41 से लॉन्च की गई थी। बताते चले कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर लगभग एक हफ्ते तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में बिताएंगे, फिर डॉकिंग के बाद, अंतरिक्ष यात्री लगभग एक सप्ताह परिक्रमा प्रयोगशाला में बिताएंगे।
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जानें इस मिशन पर कितना लगा खर्चा
बोइंग स्टारलाइनर के जरिए पहली बार अंतरिक्ष यात्री को स्पेस ले जाया जा रहा है। इससे पहले 2019 में Boe-OFT और 2022 में Boe-OFT2 लॉन्च किया गया था। आपको बतादें कि स्टारलाइनर मिशन पर अब तक लगभग एक अरब डॉलर से ज्यादा का खर्च का अनुमान लगाया जा चुका है। बोइंग की मानें तो क्रू स्पेस ट्रांसपोर्टेशन (सीएसटी)-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को सात यात्रियों के लिए बनाया गया है। इसमें चालक दल के सदस्य और सामान को भी समायोजित करके ले जाया जा सकता है।
बतादें कि इसको बनाने में 10 साल से भी अधिक का समय लगा, वहीं नासा का कहना है कि क्रू कैप्सूल के दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका में पैराशूट और एयरबैग की मदद से उतरने से पहले अंतरिक्ष यात्री करीब एक हफ्ते प्रयोगशाला में बिताएंगे।
सुनीता विलियम्स की जुबानी यात्रा की कहानी
आपको बता दें कि देश का नाम गौरव करने वाली नासा (NASA) ने 1988 में सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना था और उनके पास दो अंतरिक्ष अभियानों का अनुभव है जिसके बाद अब वह अंतरिक्ष की तीसरी उड़ान भरने जा रही है। इसके पहले पहली बार उन्होंने 2006 में और दूसरी 2012 में अंतरिक्ष के लिए सुनीता ने उड़ान भरी थी। वहीं नासा की मानें तो इस उड़ान के दौरान “सुनीता ने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं।” 59 वर्षीय विलियम्स नए ह्यूमन-रेटेड अंतरिक्ष यान के पहले मिशन पर उड़ान भरने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रचेगी। उन्होंने एक्स्पीडिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर और एक्स्पीडिशन 33 की कमांडर के तौर पर सेवा दी थी।
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वहीं तीसरी बार अंतरिक्ष की उड़ान भरने से पहले सुनीता विलियम्स ने एक मीडिया रिपोर्च में कहा- ‘‘हम सभी यहां हैं क्योंकि हम सभी तैयार हैं। हमारे दोस्तों और मित्रों ने इसके बारे में सुना है, हमने इसके बारे में बात की है, वो खुश और गौरवान्वित हैं कि हम इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं।’’
अंतरिक्ष यान के विकास में कई तरह की मुश्किलें सामने आने के बाद इस अभियान में कई वर्षों की देरी हुई है। अगर यह कामयाब हो जाता है तो एलन मस्क की ‘स्पेसएक्स’ के साथ यह दूसरी निजी कंपनी बन जाएगी जो चालक दल को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र तक ले जाने और वापस लाने में सक्षम होगी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने 22 मार्च को एक संवाददाता सम्मेलन में स्टारलाइनर के आगामी अभियान के बारे में कहा था, ‘‘इतिहास बनने जा रहा है। हम अंतरिक्ष अन्वेषण के स्वर्ण युग में हैं।’’