जानें वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त, सुहागन के लिए पूजा महत्व
वट सावित्री का व्रत 6 जून को पड़ेगा, उस समय रोहिणी नक्षत्र होगी
Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत जो सुहागिन महिलाओं के लिए सुहागन होने का वरदान हैं, बतादें कि इस साल का वट सावित्री व्रत 6 जून 2024, दिन गुरुवार को अमावस्या तिथि को पड़ने वाला हैं। गुरुवार की सुबह 11:36 से 12:14 बजे तक अभिजीत मुहूर्त हैं, जो सबसे अच्छा माना जाता हैं। बताते चले कि इस वर्ष अमावस्या 5 जून की शाम 7 बजे से शुरू होगी और 6 जून की शाम 5 बजकर 34 मिनट तक रहेगी।
जानें नक्षत्र और महत्व
वट सावित्री का व्रत 6 जून को पड़ेगा, उस समय रोहिणी नक्षत्र होगी। व्रत को लेकर कहा जाता है इस दिन सती सावित्री ने यमराज के हाथों से अपने पति को वरदान मांगकर छुड़ाया था। यह वहीं दिन है जिस दिन ज्येष्ठ की अमावस्या तिथि थी, इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अपने पति के मंगल कामना और लम्बी आयु के लिए इस तिथि को बरगद का पूजन करती है।
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साथ ही सुहागन स्त्री कच्चे धागा से वटवृष की फेरी लगाकर अपने पति के लिए और परिवार के लिए कमाना करती है। जिसके बाद नारायण के कृपा से उन सुहागन स्त्री का पति दीर्घायु होती है। इस दिन महिलाएं वट वृष यानी बरगद के पेड़ के पास व्रत पूजन, कथा कहती, दान देती हैं।
वट सावित्री व्रत की शृंगार सामग्री
वट सावित्री व्रत की पूजा थाली में सुहागन महिंलाओं को शृंगार का सामान रखना जरूरी होता हैं। क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह व्रत सुहागन महिलाओं के लिए ही होता हैं जो अपने पति की दिर्घायु की कामना करती हैं। इसके लिए वृती के पूजा की थाल में सोलह शृंगार का सामान रखना चाहिए। इसके साथ ही कच्चा सूत जरूर रखना चाहिए। क्योंकि कहा जाता है कि कच्चा सूत यानी कच्चा धागा समृद्धि और शुभता का प्रतीक है। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।