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मीडिया चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी- “रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज न करें”: केंद्र

नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (#PahelgamTerroristattack) में हुआ आतंकी हमला अब पाकिस्तान को भारी पड़ने वाला हैं। क्योंकि भारत के पीएम मोदी ने इस आतंकी हमले का करारा जवाब दिया हैं, इसी दौरान पहलगाम हमले को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के मद्देनजर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।

मीडिया चैनलों को एडवाइजरी जारी

आपको बता दें कि भारत सरकार की तरफ से मीडिया चैनलों को एडवाइजरी जारी की गई है। जिसमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी आदेशों में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज न करने हेतु मीडिया चैनलों को सलाह दी है। मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लाइव कवरेज से बचें।

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आदेशों में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अत्यधिक जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करें और रक्षा तथा अन्य सुरक्षा से संबंधित अभियानों की रिपोर्टिंग करते समय मौजूदा कानूनों और नियमों का कड़ाई से पालन करें।

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एडवाइजरी में 8 निर्देश दिए

मंत्रालय ने कहा कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों के लाइव कवरेज से बचने के लिए सभी मीडिया चैनलों को एडवाइजरी जारी की गई है।

मीडिया चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी- "रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज न करें": केंद्र

राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे अत्यंत जिम्मेदारी के साथ काम करें और रक्षा व अन्य सुरक्षा से संबंधित अभियानों की रिपोर्टिंग करते समय मौजूदा कानूनों और नियमों का सख्ती से पालन करें।

विशेष रूप से: रक्षा अभियानों या बलों की गतिविधियों से संबंधित किसी भी प्रकार का रियल-टाइम कवरेज, लाइव प्रसारण, या ‘सूत्रों पर आधारित’ जानकारी का प्रकाशन नहीं किया जाना चाहिए। संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा करने से शत्रुतापूर्ण तत्वों को मदद मिल सकती है और इससे अभियानों की प्रभावशीलता और सुरक्षा बलों के कर्मियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

पिछले घटनाक्रमों ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व को रेखांकित किया है। कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले (26/11), और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं के दौरान, अनियंत्रित कवरेज का राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था।

मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और पर्सनल यूजर राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कानूनी दायित्वों के अलावा, यह हमारी सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हम अपनी कार्रवाइयों से जारी अभियानों या सुरक्षा बलों की सुरक्षा से समझौता न करें।

मीडिया चैनलों के लिए एडवाइजरी जारी- "रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज न करें": केंद्र

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पहले ही सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(p) का पालन करने की सलाह दे चुका है। नियम 6(1)(p) कहता है कि, कोई भी कार्यक्रम केबल सेवा में प्रसारित नहीं किया जाएगा जिसमें किसी भी सुरक्षा बल द्वारा किए जा रहे किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान का लाइव कवरेज शामिल हो, जहां मीडिया कवरेज को केवल सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर ब्रीफिंग तक सीमित रखा जाएगा, जब तक कि ऐसा अभियान समाप्त नहीं हो जाता।

ऐसा प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन है और इसके तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी है। इसलिए, सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी आतंकवाद विरोधी अभियान और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव कवरेज न करें। मीडिया कवरेज को सरकार द्वारा नामित अधिकारी द्वारा समय-समय पर की गई ब्रीफिंग तक सीमित किया जा सकता है, जब तक कि अभियान समाप्त न हो जाए।

सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग जारी रखें, और राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखें। यह आदेश मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से जारी किया गया है।

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