मौनी अमावस्या : जानें आज के दिन का महत्व, इन काम से मनोकामना होगी पूरी
ऐसे में ही मौनी अमावस्या वो शुभ दिन होता है, जिस दिन का दान, स्नान, मौन व्रत सब इंसान के जीवन को खुशहाल बना देता है, वो शुभ दिन कल है...
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मौनी अमावस्या : देश भर के लोग जहां प्रयागराज संगम नहाने जाते है, जिससे की गंगा नहान करके दान-पुण्य कर सकें और अपने जीवन को खुशहाल बनाने के साथ अपने पितृ को प्रसन्न कर सकें। ऐसे में ही मौनी अमावस्या वो शुभ दिन होता है, जिस दिन का दान, स्नान, मौन व्रत सब इंसान के जीवन को खुशहाल बना देता है, वो शुभ दिन कल है यानि कि कल 9 परावरी को माघ अमावस्या है, जिस मौनी अमावस्या भी कहा जाता है।
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जानें मौनी अमावस्या का महत्व
आपको बतादे कि आज के दिन सूर्य अपने पुत्र के राशि मकर में चंद्रमा के साथ होने के कारण सूर्य आत्म चंद्रमा मन का मिलन होता है, कहा जाता है कि जो उस समय पवित्र जल गंगा आदि, नदियों में स्नान करके सूर्य जल दान, तिल दान अन्न दान, गायत्री आदि मंत्रों का जाप करते है।
उनकी सभी मनोकामना सिद्ध होती है और भगवान भास्कर खुश होकर अन्न, धन, जल की वर्षा करते है। वहीं कई जागरूक लोग मौनी अमावस्या का लाभ ले पाते है, और हम आज अपने इस लेख के माध्यम से आप सभी को मौनी अमावस्या के प्रति और सनातन धर्म के रीत के प्रति जागरूक करने की एक छोटी कोशिश कर रहें। कहा जाता है कि - आज के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के राशि मकर राशि में प्रवेश करते है...
माघ मकर गति रवि जब होई,
तीरथ पतीय आय सब कोई....
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गंगा स्नान के साथ करें ये काम मिलेगी खुशियांमान्यता है कि आज के दिन देवता, दानव, मानव, किन्नर, याछ्य, गंधर्व, सभी लोग जो प्रयाग सारे तीर्थ के राजा है वहां उपस्थित होते है, और गंगा स्नान करने वालो को धन धान्य की वर्षा करते है, जो लोग प्रयाग नही जा सकते वह किसी अन्य पवित्र नदी में या अपने घर में तिल का उबटन लगाकर या जल में तिल डालकर गंगा - गंगा बोलकर स्नान करें। इस से उनके घर के पूर्वज जिसे हम पित्र कहते है उनकी शांति होती है पित्र से लेकर देव तक सभी लोग खुश होकर स्नान करने वाले को तिल दान करने वाले को तिल खाने वालो को आशीर्वाद देते है। उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करते है।
इन चीजों का करें दान और रहें मौन
वहीं आज यह भी मान्यता है कि दिन गरीबों को कंबल आदि का दान करने, अन्न दान करने, शिव पूजन करने, गौ गुरु का सेवा करने से सब कार्य फलित होगा। जीवन में धन्य होगा इसके साथ ही आज के दिन हरी शरणम्म गीता का पाठ करें। माघ अमावस्या पर मौन साधना करने के कारण इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है। ऐसे में व्यक्ति को इस दिन मौन व्रत धारण करना चाहिए। आप इस दिन गरीबों में गुड़, तिल, घी, धन या फिर गर्म कपड़े आदि भी बांट सकते हैं। ऐसा करने से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
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पितरों को ऐसे करें प्रसन्न
कहा जाता है कि अमावस्या तिथि का दिन पितरों के लिए समर्पित मानी जाती है। ऐसे में इस तिथि पर जल में काले तिल और लाल फूल डालकर पितरों को याद करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें, और मौनी अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा करें, और शाम के समय दीपक जलाएं। इसके साथ ही अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए।