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BJP का वो सच जिसने बना दी अपनी सरकार...


आज हमारे देश में बीजेपी की सरकार चल रही है मगर क्या आप बीजेपी के इतिहास के बारे में जानते हैं। बीजेपी सरकार तो बनी मगर इसकी नींव कब पड़ी ये हर कोई शायद ही जानता हो मगर आज आपको हम बताएंगे कि कब पड़ी बीजेपी की नींव और किसने डाली और क्या था इसका उद्देश्य..


BJP: आज हमारे देश में बीजेपी की सरकार चल रही है मगर क्या आप बीजेपी के इतिहास के बारे में जानते हैं। बीजेपी सरकार तो बनी मगर इसकी नींव कब पड़ी ये हर कोई शायद ही जानता हो मगर आज आपको हम बताएंगे कि कब पड़ी बीजेपी की नींव और किसने डाली और क्या था इसका उद्देश्य..

भाजपा स्‍थापना wakt ki awaz

बीजेपी का इतिहास

आपको बता दें कि भारतीय जनाता पार्टी यानि की BJP का गठन 6 अप्रैल, 1980 को नई दिल्ली के कोटला मैदान में आयोजित एक कार्यकर्ता अधिवेशन में किया गया था। बीजेपी एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है जो भारत को एक सुदृढ़, समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प है। बीजेपी का एक मात्र लक्ष्य है कि भारत को एक समर्थ राष्ट्र बनाना, जिसके प्रथम अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी निर्वाचित हुए थे। 

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अपनी स्थापना के साथ ही भाजपा ने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं लोकहित के विषयों पर मुखर रहते हुए भारतीय लोकतंत्र में अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज की तथा भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए। बीजेपी का निर्माण आधिकारिक रूप से 1980 में हुआ था, जिसके बाद प्रथम आम चुनाव 1984 में हुये जिसमें पार्टी केवल दो लोकसभा सीटे जीत सकी। इसके बाद 1996 के चुनावों तक आते-आते पार्टी पहली बार लोकसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी लेकिन इसके द्वारा बनायी गई सरकार कुछ ही समय तक चली थी। 

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बीजेपी का विकास 

भारतीय जनता पार्टी को "संघ परिवार" के नाम से जाने जाने वाला संगठनों के परिवार की सबसे प्रमुख सदस्य माना गया है। आरएसएस को उसके आलोचकों द्वारा हमेशा "सांप्रदायिक", "प्रतिक्रियावादी" और न जाने क्या-क्या करार दिया गया है। उन्हें कभी कोई संदेह नहीं रहा कि संगठन व्यक्तिगत चरित्र और राष्ट्रीय चरित्र के माध्यम से राष्ट्रीय एकता, राष्ट्रीय अखंडता, राष्ट्रीय पहचान और राष्ट्रीय ताकत से जुड़ा हुआ है और आज यह संगठन एक बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है। यहां तक ​​कि लंबे समय से इसके आलोचक भी सोचते और कहते हैं कि अब बीजेपी "अजेय" है। इस राष्ट्रीय महाकाव्य की कहानी क्या है?

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बीजेपी के कार्यकाल की पृष्ठभूमि

देश के राजनीतिक इतिहास में छह अप्रैल का दिन खास अहमियत रखता है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में स्थापित भारतीय जन संघ (Bhartiya Jan Sangh) से इस नई पार्टी का जन्म हुआ। 1977 में आपातकाल की घोषणा के बाद जनसंघ का कई अन्य दलों से विलय हुआ और जनता पार्टी का उदय हुआ। पार्टी ने 1977 के आम चुनाव में कांग्रेस से सत्ता छीनी थी और 1980 में जनता पार्टी को भंग करके भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी गई थी।

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  1. अटल बिहारी वाजपेयी के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सबसे ज़्यादा ताक़तवर हुई। बीजेपी एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में खुलकर हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली पार्टी के रूप में जानी जाती है। आज के दिन ही 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी की स्थापना हुई थी।
  2. पहले यह भारतीय जनसंघ के रूप में जाना जाता था। भारतीय जनसंघ की स्थापना श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में की थी। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष बने थे। भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में अटल बिहारी वाजेपयी और लालकृष्ण आडवाणी की अहम भूमिका रही है।
  3. बीजेपी का चुनाव चिह्न कमल का फूल है। कमल फूल को बीजेपी हिन्दू परंपरा से जोड़कर देखती है। 1980 में बीजेपी के गठन के बाद पार्टी ने पहला आम चुनाव 1984 में लड़ा। तब बीजेपी को केवल दो सीटों पर ही कामयाबी मिली थी।
  4. 1925 में डॉ हेडगवार ने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) की स्थापाना की थी। आरएसएस को बीजेपी का मातृ संगठन माना जाता है। बीजेपी के ज़्यादातर बड़े नेता आरएसएस से जुड़े हैं।
  5. आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा भारतीय राजनीति की एक बड़ी घटना है। जब मंडल राजनीति के कारण हिन्दुओं के बीच तीखा मतभेद उभरकर कर सामने आया उसी वक़्त आडवाणी ने अयोध्या आंदोलन से धार्मिक ध्रुवीकरण को मजबूत किया। आडवाणी की यात्रा के दौरान सांप्रदायिक दंगे भी हुए, लेकिन बीपी सिंह की मंडल राजनीति पर आडवाणी की यह यात्रा भारी पड़ गई थी।
  6. 1989 में बीजेपी 89 सीट पर पहुंच चुकी थी। वीपी सिंह का कहना था कि जनता दल का वोट बीजेपी में शिफ्ट हुआ, इसलिए इतनी सीटों पर जीत मिली. हालांकि इस चुनाव में जनता दल को भी 143 सीटों पर जीत मिली थी। इस चुनाव में कांग्रेस के ख़िलाफ सारी राजनीतिक पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और इसमें राजीव गांधी और कांग्रेस को करारी हार मिली थी।
  7. 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई. बाबरी मस्जिद तोड़ने में शामिल होने का आरोप बीजेपी के कई बड़े नेताओं पर लगा। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी से लेकर उमा भारती तक शामिल हैं।
  8.  1996 के चुनाव में बीजेपी लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. तब भारत के राष्ट्रपति ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि बीजेपी सरकार कुछ दिनों में ही गिर गई। 1998 में बीजेपी ने फिर अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने।
  9. बीजेपी ने फिर 1999 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बनाकर लोकसभा चुनाव लड़ा। इस गठबंधन में 20 से अधिक दल शामिल हुए. इस गठबंधन को 294 सीटों पर जीत मिली। इसमें बीजेपी को 182 सीटें हासिल हुई थीं। एक बार फिर से अटल बिहारी वाजपेयी प्रधामंत्री बने और इस बार उन्होंने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया।
  10. 2014 बीजेपी के लिए सबसे अहम साल रहा। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 282 सीटों पर जीत हासिल की इस बार बीजेपी को सरकार बनाने के लिए किसी पार्टनर की जरूरत नहीं पड़ी। मोदी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे

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