अयोध्या धाम पर भक्तों पर लगी रोक, प्राण प्रतिष्ठा से डरे-सहमे पाकिस्तान ने लगाई गुहार
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद अपने राघव के दर्शन के लिए रामभक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है, वहीं प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पीएम मोदी के साथ लगभग 8000 आए VIP मेहमानों ने 22 जनवरी ही श्री राम के दर्शन कर लिए थे मगर...
Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद अपने राघव के दर्शन के लिए रामभक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है, वहीं प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पीएम मोदी के साथ लगभग 8000 आए VIP मेहमानों ने 22 जनवरी ही श्री राम के दर्शन कर लिए थे मगर आई भक्तों की भीड़ अभी तक दर्शन की होड़ में लगे हुए है।
इसी दौरान श्रद्धालुओं की आड़ में अयोध्या धाम में कोई गड़बड़ी न फैला सके इसलिए ATS कमांडो की टीम और RAF को चेकिंग और सुरक्षा के लिए मंदिर के अंदर भेजा गया है। वहीं अयोध्या में बढ़ रही भक्तों भारी भीड़ को देखते हुए बाराबंकी पुलिस ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए राम भक्तों को अयोध्या की ओर नहीं जाने की अपील की है।
जानें कैसे रामलला का मनमोहक दिव्य स्वरूप हुआ तैयार
प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का मनमोहक दिव्य-भव्य स्वरूप अब सभी के सामने आ गया हैं, मगर क्या आप यह जानते है कि रामलला को कई दिव्य आभूषणों और पौराणिक कथाओं में वर्णित उनके स्वरूप के आधार पर वस्त्रों से सुसज्जित किया गया है, रामलला के आभूषणों का निर्माण करने के लिए अध्यात्म रामायण, श्रीमद् वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरितमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन करने के बाद मनाया गया है जिससे श्री राम का आलौकिक रूप भक्तों को नजर आ रहा है।
आपको बतादें कि भगवान राम के आभूषण बनाने में 15 किलो सोना और करीब 18 हजार हीरे और पन्ना का इस्तेमाल किया गया है, तिलक, मुकुट, 4 हार, कमरबंद, दो जोड़ी पायल, विजय माला, दो अंगूठी समेत कुल 14 आभूषण तैयार कराए गए हैं। ये आभूषण सिर्फ 12 दिन में बनकर तैयार हुए हैं जिससे अयोध्या के राघव का भव्य श्रृंगार किया गया है।
रामलला के दर्शन में लगी रोक
अयोध्या के दिव्य और भव्य राम मंदिर में विराजमान रामलला के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। वहीं भक्तों की भारी भीड़ को संभालने में पुलिसवालों के भी पसीने छूट रहे हैं। इस बीच मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखकर ATS और RAF के जवानों को रामलला मंदिर के अंदर भेजा गया है। भारी भीड़ को देखते हुए कुछ देर के लिए रामलला के दर्शन को भी रोक दिया गया। क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान रखते हुए सुरक्षाकर्मी का मानना है कि कहीं श्रद्धालुओं की आड़ में कोई गड़बड़ी न फैला सके इसलिए ATS कमांडो की टीम और RAF को चेकिंग और सुरक्षा के लिए मंदिर के अंदर भेजा गया है।
अयोध्या से डरा सहमा पाकिस्तान
आपको बतादें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जहां पूरा देश भावविभोर है और हर्षोउल्लास में डूबा है, वहीं पाकिस्तान डरा सहमा नजर आ रहा है। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- मंदिर वहीं बना है, जहां हमने संकल्प लिया था। पाकिस्तान सरकार की तरफ से प्रेस रिलीज़ जारी कर अपनी डर को साझा किया गया है., साथ इंटरनेशनल कम्युनिटी से हस्तक्षेप की मांग की गई है।
पाकिस्तान में, जहां आजादी के बाद से अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को नेस्तनाबूद कर दिया गया, अब उसे इस बात का डर है कि भारत का सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। इस प्रेस रिलीज़ में कहा गया है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा इस बात का संकेत है कि भारत पाकिस्तान के हिस्सों पर कब्ज़ा करना चाहता है।
वहीं इसमें दो राज्यों के मुख्यमंत्री भी जिक्र किया गया है, जिनमें से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव है। क्योंकि अब पाकिस्तान को लगता है कि अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन इस दिशा में उठाया गया पहला कदम है और पाकिस्तान अधिग्रहित कश्मीर भी उससे छीन जायेगा।
पाकिस्तान ने लगाई गुहार
वहीं पाकिस्तान की तरफ से इंटरनेशनल कम्युनिटी से हस्तक्षेफ की गुहार भी लगाई गई है और कहा गया- भारत के अयोध्या शहर में बाबरी मस्जिद को तोड़कर मंदिर बना दी गई। जिसकी 22 जनवरी को इसकी प्राण प्रतिष्ठा की गयी, अब इसके बाद हिंदुत्व का ज्वार उठता दिख रहा है। भारत में सांप्रदायिक सौहार्द खतरे में है। अब मथुरा और काशी के मस्जिद ही नहीं खतरे में हैं, बल्कि पाकिस्तान के क्षेत्रों पर भी दावा किया जा सकता हैं। पाकिस्तान की तरफ से यूनाइटेड नेशन और अन्य इंटरनेशनल संस्थाओं से भारत में अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षाओं को लेकर हस्तक्षेप की मांग की गई है।