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NCPCR की सलाह, रक्षा बंधन पर बच्चे लगाकर आएं मेहंदी, राखी, तिलक तो ने दे सजा


राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा- इस संबंध में सभी राज्यों के शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं।


Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन को लेकर बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने निर्देश जारी किया हैं। बतादें कि 19 अगस्त 2024 को भाई-बहन के अटूट रिश्ते का त्यौहार रक्षाबंधन आने वाला हैं। वहीं बच्चे त्यौहार के दौरान मेहंदी लगाते हैं, राखी बांधते हैं, तिलक लगा कर स्कूल जाते हैं वहीं कई स्कूलों में बच्चों के साथ स्कूल वाले भेदभाव करते हुए सजा देते हैं जिसको लेकर NCPCR सख्त निर्देश देते हुए इन सजा और भेदभाव को रोकने का आग्रह किया हैं।

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NCPCR ने स्कूलों को जारी किया निर्देश

बतादें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा- इस संबंध में सभी राज्यों के शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं। त्योहारों के मौके पर स्कूलों में विशेष आयोजनों के नाम पर बच्चों को शारीरिक व मानसिक दबाव देने, उनमें भेदभाव करने और परेशान किए जाने को कॉरपोरल दंड (शारीरिक दंड) बताते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इससे बचने का निर्देश जारी किया है।

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धारा 17 के उल्लंघन का किया जिक्र

इसके साथ ही आयोग ने विभाग से उठाए गए कदम, स्कूलों को जारी आदेश और अनुपालन रिपोर्ट 17 अगस्त तक उसे सौंपने को कहा है। देशभर में स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिवों को जारी पत्र में एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, स्कूलों में बाल संरक्षण कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए, खासकर त्योहारों के दौरान। 

पत्र में स्कूलों की ओर से बच्चों की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में भागीदारी पर प्रतिबंध लगाने की चिंताजनक प्रवृत्ति का जिक्र किया गया। इसके साथ ह NCPCR के अध्यक्ष कहा- अगर स्कूल में इस तरह के सजा दी जाती है तो यह मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 की धारा 17 का उल्लंघन होगा। जो स्कूलों में शारीरिक दंड या किसी तरह के भेदभाव को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करता है।

इसके साथ ही एनसीपीसीआर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय, देश भर में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

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