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लोकसभा चुनाव : उन्नाव सीट का इतिहास और राजनीतिक सफर

यूपी में 80 सीट है और हर सीट अलग अलग महत्व है, यूपी की 80 सीटे भारत की लोकसभा सीट में सबसे ज्यादा सीट मानी जाती हैं, वहीं आज हम आपको बताएंगे यूपी के उन्नाव सीट का इतिहास... यूपी का उन्नाव जिला पर जब फरवरी 1856 में अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था उसके बाद बनाया गया था। इसके पहले नवाबों के अधीन यह जिला अलग-अलग जिला और चकलाओं के बीच बंटा हुआ था। 1857-1858 के आजादी के संघर्ष के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश क्राउन तक सत्ता का हस्तांतरण किया गया। जैसे ही आदेश बहाल किया गया था, नागरिक प्रशासन को जिले में फिर से स्थापित किया गया था जिसका नाम उन्नाव था।

लोकसभा चुनाव : बिछ गई बिसात, जानें कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी का राजनीतिक सफर

यूपी के कानपुर सीट का 80 सीटों में से एक सीट है जिसका अपना ही महत्व हैं, क्योंकि कानपुर को उधोग नगरी भी कहा जाता हैं वहीं अगर बात करें यहां के सांसद सत्यदेव पचौरी के जीवन की तो बताते चले सत्‍यदेव पचौरी भारत के यूपी के कानपुर जिले के सोलहवीं विधानसभा सभा में विधायक रहे। 2012 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश की गोविन्‍दनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन संख्या-212)से चुनाव जीता। कानपुर संसदीय क्षेत्र से 2019 में सांसद चुने गए। कैबिनेट मंत्री सत्‍यदेव पचौरी का जन्म मध्य प्रदेश स्थित भिंड जिले के मिहोना ग्राम में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका जन्म 12 अगस्त 1947 को ब्राह्मण परिवार में हुआ था, बता करें उनकी शिक्षा की तो पचौरी ने वी.एस.एस. डी विश्विद्यालय से रसायन विज्ञान में एम.एस.सी की शिक्षा प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज के समय से ही छात्र अध्यक्ष के रूप में चुना गया, यही से उनका राजनीति में पर्दापण हुआ

लोकसभा चुनाव : उद्योग नगरी कानपुर का राजनीतिक सफर और इतिहास

यूपी की 80 सीटों में कानपुर सीट का बहुत ही महत्व हैं, कानपुर ज़िला में स्थित एक औद्योगिक महानगर है। यह नगर गंगा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। कानपुर का मूल नाम 'कान्हपुर' था। कानपुर शहर की स्थापना सचेन्दी राज्य के राजा हिन्दू सिंह ने की थी, वहीं ये भी माना जाता हैं कि अवध के नवाबों में शासनकाल के अंतिम चरण में यह नगर पुराना कानपुर, पटकापुर, कुरसवाँ, जुही तथा सीसामऊ गाँवों के मिलने से बना था। वहीं यह भी मान्यता है कि पड़ोस के प्रदेश के साथ इस नगर का शासन भी कन्नौज तथा कालपी के शासकों के हाथों में रहा और बाद में मुसलमान शासकों के 1773 से 1801 तक अवध के नवाब अलमास अली का यहाँ शासन रहा।

लोकसभा चुनाव 2024 : जानें लोकसभा चुनाव का इतिहास, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां तोजी से शुरु हो चुकी हैं, लोकसभा संवैधानिक रूप से लोगों का सदन है साथ ही भारत की द्विसदनीय संसद का निचला सदन है, जिसमें उच्च सदन राज्य सभा है। वहीं लोकसभा चुनाव के मुखिया पद पर सभी की नजरें बनी हुई हैं, मगर देखना यह है कि कौन कितना दांव मारेगा यह तो अभी तय नहीं किया जा सकता हैं। आपको बताते चले लोकसभा के सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वयस्क सार्वभौमिक मताधिकार और एक सरल बहुमत प्रणाली द्वारा चुने जाते हैं

जानें रामभक्त वीर हनुमान को कैसे करें प्रसन्न...

हिंदू धर्म में हर दिन का अपना एक अलग महत्व होता है, क्योंकि हर दिन एक अलग भगवान को समर्पित होता है। लेकिन मंगलवार का दिन खास माना जाता है। क्योंकि यह दिन संकट मोचन हनुमान को समर्पित होता है कहा जाता है कि इस दिन कोई भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा और भक्ति से हनुमान जी की पूजा करता है, तो प्रभु हनुमान उसके जीवन से सभी कष्टों का नाश कर देते हैं।

हमारी लाइफ में कितने अनमोल है माता-पिता, जानें क्यों मनाये जाते है फादर्स-डे

मदर्स-डे के साथ पूरी दुनिया हर साल फादर्स-डे भी मनाती हैं इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए कुछ लोग घरों में पार्टी ऑर्गेनाइज करते हैं केक काटते हैं साथ ही अपने पापा को प्यार से गिफ्ट भी देते हैं। माना की मां हमें जीवन देती है साथ ही अपनी सारी ममता हम बच्चों पर लुटा देती और बच्चों के लिए कभी तो मां दुर्गा और कभी मां काली का रूप धारण कर लेती है, लेकिन इस पूरे जीवन में पापा की भी अहम भूमिका रहती क्योंकि मां तो सिर्फ जीवन देती है लेकिन उसे कैसे जीना यह पापा ही सिखाते हैं।

NDA vs INDIA: जानें क्या है INDIA और NDA के पीछे का रहस्य...

लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की इसी पर रणनीति बनाने के लिए इन दलों द्वारा बंगलूरू में दो दिवसीय बैठक आयोजित की गई। इस जमावड़े की सबसे बड़ी हाइलाइट गठबंधन का नया नाम 'INDIA' रहा। आपको बता दे कि गठबंधन को नाम के रूप में नई पहचान दशकों पुराने 'यूपीए' की जगह मिली है।

जानें विवाह में कुण्डली मिलान क्यों है जरूरी...

ज्योतिषशास्त्र में विवाह के मिलान के लिए कुल 36 गुण के बारे में बताया गया है यदि 18 गुण मिल जाते हैं तो वह शादी तय हो जाती अन्यथा वह शादी नहीं की जाती दोनों का वैवाहिक जीवन सुख में व्यतीत हो इसके लिए तीन स्तरों पर कुंडली का मिलान किया जाता है नक्षत्र के आधार पर, ग्रहों के आधार पर और कुंडली में बनने वाले शुभ अशुभ योग के आधार पर।

जानें कैसे हमारे देश में आया संविधान, कौन है इसका जनक ?

जिस देश का संविधान इतना बड़ा हो कि उसे बनने में 2 साल 11 माह 18 दिन का समय लगा हो, ऐसे संविधान के निर्माण की कहानी बेशक दिलचस्प होगी। संविधान यानी की श्रेष्ठ विधान यह एक ऐसा दस्तावेज है जो व्यक्ति और राष्ट्र के बीच उसके संबंधों को स्पष्ट करता है किसी भी लोकतांत्रिक देश की अवधारणा उसमें रह रहे व्यक्तियों के स्वतंत्रता पर टिकी होती है ,और जो यह दस्तावेज उसी राज्य और व्यक्ति के बीच में संतुलन को स्थापित करने के लिए बनाया जाता है वही संविधान है।

BJP का वो सच जिसने बना दी अपनी सरकार...

आज हमारे देश में बीजेपी की सरकार चल रही है मगर क्या आप बीजेपी के इतिहास के बारे में जानते हैं। बीजेपी सरकार तो बनी मगर इसकी नींव कब पड़ी ये हर कोई शायद ही जानता हो मगर आज आपको हम बताएंगे कि कब पड़ी बीजेपी की नींव और किसने डाली और क्या था इसका उद्देश्य..

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