ब्रेन हेमरेज खतरनाक बीमारी से हो सकती है मौत, जानें लक्षण, कारण, और बचाव
ब्रेन हेमरेज ऐसी बीमारी है जो कब कैसे हो जाएं यह किसी को पता नहीं चलता है, और इसके वजह से कई बार लोगों की मौत हो जाती है...
Brain Hemorrhage : ब्रेन हेमरेज ऐसी बीमारी है जो कब कैसे हो जाएं यह किसी को पता नहीं चलता है, और इसके वजह से कई बार लोगों की मौत हो जाती है और उसकी मौत से पहले उसे अपनी बीमारी का अंदाजा भी नहीं लगता है। वहीं ब्रेन हेमरेज को लेकर सजग रहना बेहद ही जरूरी होता है जिससे लोगों की जान बच सकें।
जानें कैसे होता है ब्रेन हेमरेज
ब्रेन हेमरेज जानलेवा और गंभीर स्थिति की बीमारी है जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है, क्योंकि ज्यादातर लोग ब्रेन हेमरेज के बारे में जानते ही नहीं हैं, बतादे कि इस दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। ब्रेन हेमरेज में ब्रेन के अंदर ब्लीडिंग होने लगती है, यह ब्लीडिंग सिर के अंदर नस फटने के कारण होती है। जिसे मेडिकल टर्म में इंट्राक्रैनियल हेमोरेज (intracranial hemorrhage) के नाम से जाना जाता है।
जानें ब्रेन हमरेज के कारण
1- आपको बतादे कि ब्रेन हमरेज के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि किसी व्यक्ति को सिर में गंभीर चोट लग गई हो। चोट लगने से ब्रेन हेमरेज हो सकता है।
2- हाई बीपी की वजह से भी दिमाग के नसों को जो ब्लड वेसेल्स की दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है और ब्लड वेसेल्स की ब्लीडिंग या फटने का कारण बन सकती है।
3- गर्भावस्था में एक्लम्पसिया और इंट्रावेंट्रिकुलर ब्लीडिंग के कारण भी ब्रेन हेमरेज का कारण बन सकता है।
4- जब ब्रेन को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है तो दिमाग के सेल्स मरने लगते हैं, ऐसे में ब्रेम हेमरेज हो सकता है।
5- जिसे इंट्राक्रानियल हेमरेज या सेरेब्रल हेमरेज कहा जाता है, ऐसे में अगर तीन से चार मिनट से अधिक समय तक ऑक्सीजन की कमी हो जाए तो इससे दिमाग की नसें बुरी तरह से प्रभावित होती है।
6- धमनियों में फैट जमा होने यानि एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से ब्रेन हेमरेज हो सकता है।
7- मस्तिष्क की धमनियों की दीवारों के भीतर अमाइलॉइड प्रोटीन यानी सेरेब्रल अमाइलॉइड एंजियोपैथी की वजह से ब्रेन हेमरेज होता है।
8- ब्रेन ट्यूमर जो मस्तिष्क के टिशूज पर दबाव डालता है इससे ब्लीडिंग हो सकती है।
9- धूम्रपान, भारी शराब का सेवन या कोकीन जैसी चीजों के सेवन पर ब्रेन हेमरेज हो सकता है।
ब्रेन हेमरेज कैसे होता है?
ब्रेन में जब इन कारणों से नस फट जाती है तो ब्रेन को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। फिर बाकी सेल्स मरने लगते हैं और शरीर की तमाम गतिविधियां प्रभावित होने लगती हैं। फिर इंट्राक्रानियल हेमरेज या सेरेब्रल हेमरेज के आप शिकार हो सकते हैं। ऐसे में अगर तीन या चार मिनट से अधिक समय तक ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, तो मस्तिष्क कोशिकाएं पूरी तरह से मर जाती हैं। इससे तंत्रिका कोशिकाएं और उनके द्वारा नियंत्रित काम काज भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जिससे शरीर में ये दिक्कतें होती हैं।
ब्रेन हेमरेज से कैसे बचें
ब्रेन हेमरेज से बचने के लिए सबसे पहले अपनी बीपी को बैलेंस रखें। खासकर कि आप हाई बीपी के मरीज हैं तो। दूसरा, हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करें और अतिरिक्त वजन कम करें। शराब सीमित करें और धूम्रपान बंद करें। साथ ही हेल्दी डाइट लें और नियमित एक्सरसाइज करें। अगर आपको डायबिटीज है तो शुगर मैनेज करके चलें।
ब्रेन हेमरेज का शरीर में असर
-शरीर के किसी भाग में लकवा मार जाना।
-शरीर के किसी हिस्से का सुन्न होना या कमजोरी आना।
-खाने-पीने और निगलने में कठिनाई।
-आंखों की रोशनी प्रभावित होना।
-बोले गए या लिखे गए शब्दों को बोलने या समझने में कठिनाई।
-भ्रम और स्मृति हानि का होना।
-दौरे पड़ना और सिरदर्द रहना।